कानपुर देहात. जनपद
के इतिहास में पहली बार शिक्षा विभाग ने इतनी बड़ी कार्यवाही की है। जिसके
बाद शिक्षा विभाग में खलबली मची हुयी है। शासन द्वारा परिषदीय विद्यालयों
में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर एक अहम फैसला लिया गया था।
जिसमें विद्यालय पहुंचे शिक्षक को अपने मोबाइल से कंट्रोल रूम को एक एसएमएस करना होता है। जिससे शिक्षक की उपस्थिति प्रमाणित हो जाती है।
जिसमें विद्यालय पहुंचे शिक्षक को अपने मोबाइल से कंट्रोल रूम को एक एसएमएस करना होता है। जिससे शिक्षक की उपस्थिति प्रमाणित हो जाती है।
- ....तो क्या अब 14000 अवशेष की किस्मत चमकने वाली है!! , टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में रणनीति पर हुई चर्चा
- हमारी नज़रो में वो प्रत्येक व्यक्ति नोकरी का पात्र हे जो की टी ई टी 2011 पास हे और सुप्रीम कोर्ट में याची हे : टी ई टी संघर्ष मोर्चा
- Blog Editor : आइये बताते हैं कि अभी 72,825 में क्या उम्मीदें शेष हैं
- आगामी 17 Nov को ईश्वर ने चाहा तो बहुत बड़ी खुशखबरी
लेकिन
जनपद कानपुर देहात के शिक्षकों द्वारा मैसेज न भेजे जाने पर जिलाधिकारी
कानपुर देहात कुमार रविकांत के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
द्वारा चेकिंग कर 683 प्रधानाध्यापकों द्वारा मैसेज न भेजने पर उनको
अनुपस्थित मानते हुये उनका एक दिन का वेतन काटने की कार्यवाही की गयी है।
जिसके बाद शिक्षकों का आक्रोष फूट पड़ा। शिक्षकों के साथ अन्याय की बात
करते हुये शिक्षक नेताओं ने अधिकारियों को ताल ठोंक दी है।
शिक्षकों ने लगाये अधिकारियों पर आरोप
शिक्षकों
के वेतन कटने के बाद बौखलाये शिक्षकों का कहना है कि तकनीकी खराबी के चलते
मोबाइल से कंट्रोल रूम को मैसेज नहीं पहुंच पाते है। ऐसे में अधिकारियों
द्वारा वेतन काटने की प्रक्रिया गलत है। जिसको लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ के
जिलाध्यक्ष कानपुर देहात नरेंद्र यादव ने कहा कि अगर शिक्षकों के साथ इस
तरह न्याय होगा। तो शिक्षक आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षक पर कोई
कार्यवाही करने से पहले जांच करानी चाहिये। इसके बाद नोटिस जारी कर उसका
पक्ष जानना चाहिये। ऐसा न करते हुये सीधे कार्यवाही की जा रही है।
ऐसी
स्थिति में खेलकूद प्रतियोगिता कराया जाना सम्भव नहीं है। झींझक ब्लाक से
संठन मेजबानी वापस लेता है।
अभी 1415 शिक्षकों पर और गिर सकती है गाज
683
विद्यालयों का वेतन कटने के बाद शिक्षकों का संघर्ष बराबर जारी है। शिक्षक
व अधिकारी आमने-सामने दिख रहे है। इसका शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरू कर
दिया है। बावजूद इसके बीते दिन भी 2278 विद्यालयों में महज 843 विद्यालयों
से ही उपस्थिति संदेश कंट्रोल रूम पहुंचे है। संगठन के आव्हान पर 1415
विद्यालयों के प्रधानाध्यापको ने उपस्थिति का मैसेज नहीं भेजा। इनमें
अकबरपुर ब्लाक में 55, अमरौधा 66, डेरापुर 81, झींझक 75, मैथा 81, मलासा
100, राजपुर 147, रसूलाबाद 118, संदलपुर 66, सरवनखेडा 74, विद्यालय शामिल
है। जिनके द्वारा संदेश नही भेजे गये है। वहीं बीएसए मो. अल्ताफ ने
सम्बंधित ब्लाक खंड शिक्षाधिकारी से मैसेज न भेजने वाले प्रधानाध्यापकों की
सूची मांगी है।
- शिक्षा मित्रों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं........................
- शिक्षामित्रो का नहीं हो सकेगा जनपदीय स्थानांतरण. मानदेय भी नहीं बढेगा
- अवकाश के समय बीएलओ/पदाभित/सुपरवाइज़र/पोलियो आदि ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को दिया जाए प्रतिकर अवकाश, आदेश देखें
- अनुदेशक भर्ती के लिए जारी हुआ विज्ञापन: अमेठी
- सीधी भर्ती बन्द, फिर भी टीईटी: उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सीधी भर्ती पर रोक के प्रस्ताव के बाद भी जूनियर टीईटी के लिए माँगा आवेदन
- पति-पत्नी दोनों को HRA देने के आदेश की प्रति: डाउनलोड करें
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी मो.
अल्ताफ ने बताया कि उपस्थित मैसेज न भेजने वाले सभी शिक्षकों की सूची
सम्बंधित एबीएसए से मंगाई गयी है। लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर
कार्यवाही की जायेगी।
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