Thursday 1 December 2016

TGT-PGT EXAM 2016: टीजीटी-पीजीटी-16 भर्ती परीक्षा के आसार नहीं, लंबित भर्तियों से बिगड़ा टाइम टेबल

 इलाहाबाद : अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक कालेजों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने में चयन बोर्ड जल्दबाजी में नहीं है। पहले उसका जोर पुरानी भर्तियां पूरी करने पर होगा और उसके बाद बारी नई भर्तियों की आएगी।
टीजीटी-पीजीटी 2016 की परीक्षा से लेकर साक्षात्कार तक 2017 में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। यदि जरूरी हुआ तो लिखित परीक्षा फरवरी में भी हो सकती है, लेकिन उसका परिणाम 2011 के इंटरव्यू पूरे होने के बाद ही जारी होगा।माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने माध्यमिक कालेजों में रिक्त स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी और प्रवक्ता यानी पीजीटी भर्ती 2016 के लिए अधियाचन मांगा था। करीब साढ़े नौ हजार पदों के लिए युवाओं से आवेदन मांगे गए। इसमें लगभग 12 लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया है। चयन बोर्ड ने पहले दिसंबर में परीक्षा कराने की तैयारी की थी, लेकिन 2013 के साक्षात्कार के कारण परीक्षा को जनवरी 2016 में कराने की बात चली, लेकिन बोर्ड की ओर से अब तक परीक्षा कराने को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। दरअसल, 2013 के टीजीटी साक्षात्कार जनवरी तक चलेंगे। यह खत्म होते ही 2011 की लिखित परीक्षा का रिजल्ट एवं साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें भी इंटरव्यू जून तक चलने के आसार हैं। चयन बोर्ड का मानना है कि बीच में नई भर्ती की परीक्षा कराने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि इम्तिहान होने भर से ही युवाओं का भला नहीं होगा। यदि परीक्षा फरवरी में भी करा ली जाए तो उसका परिणाम जून के बाद ही निकाला जाएगा, ताकि उसी के साथ साक्षात्कार आदि शुरू हो जाएं। फरवरी में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा होनी है, इसी बीच विधानसभा चुनाव भी होना है। इसलिए उन दिनों में केंद्र आदि मिलना मुश्किल होगा।
तैयार हो रहे प्रश्नपत्र : चयन बोर्ड ने 2016 की परीक्षा की तारीख भले ही अभी घोषित नहीं की है, लेकिन प्रश्नपत्र आदि तैयार होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
लंबित भर्तियों से बिगड़ा टाइम टेबल : चयन बोर्ड अध्यक्ष हीरालाल गुप्त ने बताया कि 2016 की भर्तियों के लिए आवेदन इसीलिए हुए, ताकि उसकी परीक्षा उसी साल कराई जाए, लेकिन लंबित भर्तियों 2013, 2011 ने सारा टाइम टेबल खराब कर दिया। बोले, चयन बोर्ड की जो क्षमता है उसमें भर्ती प्रक्रिया साल भर लगातार चलनी चाहिए, तभी सब काम समय पर पूरे होंगे, लेकिन इधर पांच साल में इतना बैकलॉग हो गया है कि पहले उसे निपटाना जरूरी है।
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