इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की अंदरूनी लड़ाई फिर सतह पर आ गई है। उप सचिव के बहाने चयन बोर्ड के सदस्यों ने कामकाज ठप करने का अल्टीमेटम दिया है।
छह सदस्यों में से पांच ने सामूहिक रूप से हस्ताक्षर करके चयन बोर्ड अध्यक्ष को पत्र सौंपा है कि उप सचिव को हटाओ, वर्ना गुरुवार से साक्षात्कार नहीं होंगे। उधर, चयन बोर्ड अध्यक्ष ने कहा है कि साक्षात्कार की प्रक्रिया बाधित नहीं होगी। युवाओं की भर्ती पूरा कराना उनकी प्राथमिकता है।
सूबे के अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने की जिम्मेदारी उठाने वाला चयन बोर्ड पिछले छह महीने से चलने लगा है। यहां प्रवक्ता 2013 के सारे साक्षात्कार पूरे हो चुके हैं और अब स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी के इंटरव्यू चल रहे हैं। यहां चयन में होने वाले ‘खेल’ जगजाहिर हैं इसमें कौन लोग अहम भूमिका निभाते हैं यह भी बहुतेरे लोग जानते हैं। इसलिए साक्षात्कार के कई नियम भी बदले गए हैं, फिर भी दबे-छिपे ‘पर्चियों’ के जरिए साक्षात्कार प्रभावित किया जा रहा है। नियमों में सख्ती होने से जो अंदरूनी तनातनी हुई वह अब सतह पर आ गई है। चयन बोर्ड का कामकाज ठप करने और यहां के अगुवा को घेरने का जब ठोस मौका हाथ न लगा तो शासन के एक आदेश की आड़ लेकर अब निशाना साधा गया है। चयन बोर्ड के छह सदस्यों में से पांच अनीता यादव, डॉ. नरेंद्र नाथ यादव, डॉ. नरेंद्र सिंह यादव, ललित कुमार श्रीवास्तव व डॉ. आशालता सिंह ने सामूहिक रूप से हस्ताक्षर करके बुधवार को चयन बोर्ड अध्यक्ष को पत्र सौंपा है। इसमें सदस्य डा. विनय कुमार रावत का भी नाम लिखा है, लेकिन उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। इनकी मांग है कि उप सचिव पद पर कार्यरत आशुतोष दूबे को कार्यमुक्त किया जाए और उनकी जगह परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के रजिस्ट्रार नवल किशोर को नियुक्ति दी जाए। सदस्यों का कहना है कि सात माह पहले 20 मई को शासन ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आशुतोष दूबे का तबादला प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट फतेहपुर किया था और उनकी जगह नवल किशोर को भेजा गया था, लेकिन सात माह से वह नियम विरुद्ध जमे हुए हैं। उन्हें तत्काल हटाया जाए। सदस्यों ने यह भी अल्टीमेटम दिया है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो वह एक दिसंबर से साक्षात्कार में प्रतिभाग नहीं करेंगे।
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छह सदस्यों में से पांच ने सामूहिक रूप से हस्ताक्षर करके चयन बोर्ड अध्यक्ष को पत्र सौंपा है कि उप सचिव को हटाओ, वर्ना गुरुवार से साक्षात्कार नहीं होंगे। उधर, चयन बोर्ड अध्यक्ष ने कहा है कि साक्षात्कार की प्रक्रिया बाधित नहीं होगी। युवाओं की भर्ती पूरा कराना उनकी प्राथमिकता है।
सूबे के अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने की जिम्मेदारी उठाने वाला चयन बोर्ड पिछले छह महीने से चलने लगा है। यहां प्रवक्ता 2013 के सारे साक्षात्कार पूरे हो चुके हैं और अब स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी के इंटरव्यू चल रहे हैं। यहां चयन में होने वाले ‘खेल’ जगजाहिर हैं इसमें कौन लोग अहम भूमिका निभाते हैं यह भी बहुतेरे लोग जानते हैं। इसलिए साक्षात्कार के कई नियम भी बदले गए हैं, फिर भी दबे-छिपे ‘पर्चियों’ के जरिए साक्षात्कार प्रभावित किया जा रहा है। नियमों में सख्ती होने से जो अंदरूनी तनातनी हुई वह अब सतह पर आ गई है। चयन बोर्ड का कामकाज ठप करने और यहां के अगुवा को घेरने का जब ठोस मौका हाथ न लगा तो शासन के एक आदेश की आड़ लेकर अब निशाना साधा गया है। चयन बोर्ड के छह सदस्यों में से पांच अनीता यादव, डॉ. नरेंद्र नाथ यादव, डॉ. नरेंद्र सिंह यादव, ललित कुमार श्रीवास्तव व डॉ. आशालता सिंह ने सामूहिक रूप से हस्ताक्षर करके बुधवार को चयन बोर्ड अध्यक्ष को पत्र सौंपा है। इसमें सदस्य डा. विनय कुमार रावत का भी नाम लिखा है, लेकिन उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। इनकी मांग है कि उप सचिव पद पर कार्यरत आशुतोष दूबे को कार्यमुक्त किया जाए और उनकी जगह परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के रजिस्ट्रार नवल किशोर को नियुक्ति दी जाए। सदस्यों का कहना है कि सात माह पहले 20 मई को शासन ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आशुतोष दूबे का तबादला प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट फतेहपुर किया था और उनकी जगह नवल किशोर को भेजा गया था, लेकिन सात माह से वह नियम विरुद्ध जमे हुए हैं। उन्हें तत्काल हटाया जाए। सदस्यों ने यह भी अल्टीमेटम दिया है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो वह एक दिसंबर से साक्षात्कार में प्रतिभाग नहीं करेंगे।
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