हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ मुख्यमंत्री खुद बात कर के शिक्षामित्र मामले का निकालेंगे समाधान प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय शासन स्तर पर बात न बनने से मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ खुद शिक्षा मित्रों से बात करेंगे।
गुरुवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने शिक्षा मित्रों को दोबारा बातचीत के लिए बुलाया लेकिन मानदेय पर सहमति न बनने पर मुख्यमंत्री से वार्ता करवाने के लिए आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री के अन्य कार्यक्रमों के कारण देर शाम तक वार्ता शुरू नहीं हो पाई है। बेसिक शिक्षा विभाग समायोजित शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये मानदेय देने का प्रस्ताव रख रहा है जिस पर वे तैयार नहीं है। समायोजित शिक्षा मित्रों की मांग है कि वेतन की पूरी धनराशि उन्हें मानदेय के तौर पर दी जाए यानी 10 हजार की जगह लगभग 40 हजार रुपये मानदेय के तौर पर दिए जाएं। वहीं ये धनराशि उन्हें तब तक दी जाए जब तक वे टीईटी पास न कर ले। वहीं उनकी एक और मांग है कि विभाग जो अगली टीईटी आयोजित करे उसमें केवल 1.37 लाख शिक्षामित्र ही भाग लें, इसमें अन्य अभ्यर्थियों के भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया जाए। बुधवार को भी विभागीय अपर मुख्य सचिव ने शिक्षामित्रों को वार्ता के लिए बुलाया था लेकिन पहले बिन्दु पर ही सहमति न बनने पर शिक्षा मित्र वार्ता अधूरी छोड़ बाहर निकल आए थे। दूसरी तरफ, शिक्षामित्रों का प्रदर्शन गुरुवार से फिर शुरू हो गया। कई जिलों में समायोजित शिक्षामित्रों ने सड़क जाम की और स्कूलों में पढ़ाई बाधित की। शिक्षामित्र 19 अगस्त तक जिलों में प्रदर्शन करेंगे और 21 अगस्त को लखनऊ में विशाल प्रदर्शन की तैयारी है। वहीं 25 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर भी आंदोलन करने की रूपरेखा तैयार हो रही है।
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गुरुवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने शिक्षा मित्रों को दोबारा बातचीत के लिए बुलाया लेकिन मानदेय पर सहमति न बनने पर मुख्यमंत्री से वार्ता करवाने के लिए आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री के अन्य कार्यक्रमों के कारण देर शाम तक वार्ता शुरू नहीं हो पाई है। बेसिक शिक्षा विभाग समायोजित शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये मानदेय देने का प्रस्ताव रख रहा है जिस पर वे तैयार नहीं है। समायोजित शिक्षा मित्रों की मांग है कि वेतन की पूरी धनराशि उन्हें मानदेय के तौर पर दी जाए यानी 10 हजार की जगह लगभग 40 हजार रुपये मानदेय के तौर पर दिए जाएं। वहीं ये धनराशि उन्हें तब तक दी जाए जब तक वे टीईटी पास न कर ले। वहीं उनकी एक और मांग है कि विभाग जो अगली टीईटी आयोजित करे उसमें केवल 1.37 लाख शिक्षामित्र ही भाग लें, इसमें अन्य अभ्यर्थियों के भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया जाए। बुधवार को भी विभागीय अपर मुख्य सचिव ने शिक्षामित्रों को वार्ता के लिए बुलाया था लेकिन पहले बिन्दु पर ही सहमति न बनने पर शिक्षा मित्र वार्ता अधूरी छोड़ बाहर निकल आए थे। दूसरी तरफ, शिक्षामित्रों का प्रदर्शन गुरुवार से फिर शुरू हो गया। कई जिलों में समायोजित शिक्षामित्रों ने सड़क जाम की और स्कूलों में पढ़ाई बाधित की। शिक्षामित्र 19 अगस्त तक जिलों में प्रदर्शन करेंगे और 21 अगस्त को लखनऊ में विशाल प्रदर्शन की तैयारी है। वहीं 25 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर भी आंदोलन करने की रूपरेखा तैयार हो रही है।
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