हाथरस। शिक्षामित्रों का विरोध प्रदर्शन तेजी बढ़ रहा
है। शिक्षामित्रों ने नगर पालिका परिसर में एक सभा की जिसमें सभी ने सरकार
के खिलाफ जमकर भाषण दिए।
बरेली मथुरा राजमार्ग किया जाम
प्रदर्शन के बाद हाथरस के प्रमुख बरेली-मथुरा राजमार्ग के तालाब चौराहे पर मुख्यमंत्री की अर्थी रखकर जाम लगा दिया। चौराहे पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री की प्रतीकात्मक अर्थी को फूंक कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुये अपना विरोध दर्ज कराया। इस मौके पुलिस पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी नदारद रहे।
प्रदर्शन को लेकर घंटों रहा एनएच जाम
विरोध प्रदर्शन के दौरान काफी देर तक दोनों हाईवे जाम रहे और पुलिस भी नदारद दिखी। जिससे यात्रियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। पुलिस मौके पर न होने के कारण घंटों बाद जाकर जाम खुल सका। वही स्कूली बच्चों को भी इस जाम का सामना करना पड़ा।
जंतर मंतर पर होगा उग्र प्रदर्शन
वही शिक्षामित्र वेलफेयर सोसाइटी के जिला अध्यक्ष बृजेश मिश्र ने बताया की अगर सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती तो ये प्रदर्शन और भी उग्र होगा। जल्दी ही हम अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जंतर मंतर पर भी धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति तैयार की जा रही है।
न्यूनतम वेतन की मांग
आंदोलन कर रहे शिक्षामित्रों ने मांग की है कि उन्हें न्यूनतम वेतन 24 हजार से कम मिल रहा है। 10 हजार रुपए का झुनझुना पकड़ना ठीक नहीं है। वो सरकार का विरोध करेंगे। जब तक उन्हें समान काम का समान वेतन नहीं मिलेगा तब तक वो आंदोलन करते रहेंगे।
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बरेली मथुरा राजमार्ग किया जाम
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प्रदर्शन को लेकर घंटों रहा एनएच जाम
विरोध प्रदर्शन के दौरान काफी देर तक दोनों हाईवे जाम रहे और पुलिस भी नदारद दिखी। जिससे यात्रियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। पुलिस मौके पर न होने के कारण घंटों बाद जाकर जाम खुल सका। वही स्कूली बच्चों को भी इस जाम का सामना करना पड़ा।
जंतर मंतर पर होगा उग्र प्रदर्शन
वही शिक्षामित्र वेलफेयर सोसाइटी के जिला अध्यक्ष बृजेश मिश्र ने बताया की अगर सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती तो ये प्रदर्शन और भी उग्र होगा। जल्दी ही हम अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जंतर मंतर पर भी धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति तैयार की जा रही है।
न्यूनतम वेतन की मांग
आंदोलन कर रहे शिक्षामित्रों ने मांग की है कि उन्हें न्यूनतम वेतन 24 हजार से कम मिल रहा है। 10 हजार रुपए का झुनझुना पकड़ना ठीक नहीं है। वो सरकार का विरोध करेंगे। जब तक उन्हें समान काम का समान वेतन नहीं मिलेगा तब तक वो आंदोलन करते रहेंगे।
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