अलीगढ़। जिला मुख्यालय पर शिक्षामित्रों ने अर्धनग्न
होकर योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। शिक्षामित्रों ने मांग की है कि
उन्हें शिक्षकों के समान वेतन दिया जाए।
एसीएम को सौंपा ज्ञापन
योगी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जिले में शिक्षामित्रों का प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार को सैकड़ों शिक्षामित्रों ने अर्धनग्न होकर कलेक्ट्रेट के गेट पर प्रदर्शन किया। जिससे वहां काफी देर तक जाम लग रहा। इसके बाद शिक्षामित्रों ने केंद्र सरकार को संबोधित एसीएम रेनू सिंह को ज्ञापन सौंपा। शिक्षामित्र ऋषिपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा 10 हाजर रुपये मानदेय तय किया गया है। इससे शिक्षामित्रों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है।
योगी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि योगी सरकार ने वादाखिलाफी की है। समयोजन रद्द होने के बाद सरकार आश्वासन देती रही और अंत में 10 हजार रुपए मानदेय तय कर दिया, जो शिक्षामित्रों को कतई मंजूर नहीं है। सुनील शर्मा ने कहा कि शिक्षामित्रों को शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जाए। जब तब यह मांग पूरी नहीं होती वे लोग विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। शिक्षामित्रों से कहा गया है कि कोई भी साथी स्कूल में पढ़ाने नहीं जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन किया रद्द
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन रद्द किए जाने के बाद से उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र आंदोलनरत हैं। शिक्षामित्र वेतन बढ़ोतरी और सहायक शिक्षक बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर योगी सरकार और शिक्षामित्रों के बीच कई बार बैठक हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक मामला नहीं सुलझा है। शिक्षामित्रों ने योगी सरकार के 10 हजार रुपए मानदेय का फैसला भी ठुकरा दिया है।
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एसीएम को सौंपा ज्ञापन
योगी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जिले में शिक्षामित्रों का प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार को सैकड़ों शिक्षामित्रों ने अर्धनग्न होकर कलेक्ट्रेट के गेट पर प्रदर्शन किया। जिससे वहां काफी देर तक जाम लग रहा। इसके बाद शिक्षामित्रों ने केंद्र सरकार को संबोधित एसीएम रेनू सिंह को ज्ञापन सौंपा। शिक्षामित्र ऋषिपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा 10 हाजर रुपये मानदेय तय किया गया है। इससे शिक्षामित्रों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है।
योगी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि योगी सरकार ने वादाखिलाफी की है। समयोजन रद्द होने के बाद सरकार आश्वासन देती रही और अंत में 10 हजार रुपए मानदेय तय कर दिया, जो शिक्षामित्रों को कतई मंजूर नहीं है। सुनील शर्मा ने कहा कि शिक्षामित्रों को शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जाए। जब तब यह मांग पूरी नहीं होती वे लोग विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। शिक्षामित्रों से कहा गया है कि कोई भी साथी स्कूल में पढ़ाने नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन रद्द किए जाने के बाद से उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र आंदोलनरत हैं। शिक्षामित्र वेतन बढ़ोतरी और सहायक शिक्षक बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर योगी सरकार और शिक्षामित्रों के बीच कई बार बैठक हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक मामला नहीं सुलझा है। शिक्षामित्रों ने योगी सरकार के 10 हजार रुपए मानदेय का फैसला भी ठुकरा दिया है।
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