जो प्राइमरी टीचर पास नहीं हैं टीईटी, अब खतरे में है उनकी भी नौकरी!

लखनऊ. बेसिक शिक्षा विभाग में टीचरों के प्रमोशन को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश ने हड़कंप मचा दिया है। दरअसल हाईकोर्ट ने ये निर्देश दिया है कि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर प्रमोशन के लिए उन्हीं टीचरों को मौका मिलेगा, जो TET यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर चुके होंगे।
हाईकोर्ट का ये निर्देश मैनपुरी जिले की एक याचिका पर आया है। हाईकोर्ट ने अपने निर्देश के पीछे 23 अगस्त 2010 को NCTE की ओर से जारी अधिसूचना का तर्क दिया है। जिसमें साफ कहा गया है कि प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल दोनों में नियुक्ति के लिए टीईटी पास होना जरूरी है। हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद इस मामले को शासन के सामने रखेगा और शिक्षकों की नियमावली में बदलाव किया जाएगा।

कोर्ट ने किया था जवाब तलब
दरअसल हाईकोर्ट ने एनसीटीई और राज्य सरकार से प्राथमिक स्कूल के सहायक अध्यापकों की जूनियर विद्यालयों में पदोन्नति पर से जवाब तलब किया था। याचिका में बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से बिना टीईटी पास सहायक अध्यापकों को जूनियर हाईस्कूल में प्रमोशन देने को चुनौती दी गई थी। ये याचिका मैनपुरी के अखिलेश ने दायर की थी जिसपर न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने सुनवाई की और यह निर्देश जारी किए हैं।


चाहिए प्रमोशन, तो पास करिये टीईटी
हाईकोर्ट ने मैनपुरी जिले से दायर एक याचिका पर निर्देश देते हुए कहा है कि उच्च प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापक पद पर उन्हीं शिक्षकों की भर्ती की जाए जो टीईटी पास हों। आपको बता दें कि हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद से उन टीचरों को कभी प्रमोशन नहीं मिल पाएगा जो टीईटी पास नहीं हैं। वहीं दूसरी तरफ विभाग इस आदेश को शासन के सामने रखेगा और उसके बाद प्रमोशन को लेकर नए निर्देश जारी होंगे। सूत्रों के मुताबिक हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद अब शिक्षकों की नियमावली में बदलाव किया जाएगा और नए सत्र से इसे लागू भी कर दिया जाएगा।


गुस्से में सरकारी शिक्षक
वहीं हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद से ही परिषदीय स्कूलों के टीचर गुस्से में हैं। टीचरों का कहना है कि कोर्ट का यह निर्देश बिल्कुल भी सही नहीं है। शिक्षकों की नई नियुक्ति में तो पहले से ही टीईटी परीक्षा पास करने वालों को ही मौका मिलता है, लेकिन हमारे प्रमोशन में टीईटी को अनिवार्य करना बिल्कुल भी सही नहीं है। हम कोर्ट के इस आदेश को सही नहीं मानते हैं, क्योंकि जब हमें नौकरी मिली थी उस समय टीईटी परीक्षा का कोई प्रावधान नहीं था, तो अब प्रमोशन में टीईटी को क्यों अनिवार्य किया गया है। इनका कहना है कि वरिष्ठ शिक्षक आखिर टीईटी कैसे पास करेंगे। हाईकोर्ट के इस निर्देश से सिर्फ नए टीचर ही प्रमोशन पाएंगे, जो बिल्कुल भी सही नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि वे अब इस मामले को जल्द ही कोर्ट में लेकर जाएंगे।


नहीं होगी सीधी भर्ती

आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग के जूनियर हाईस्कूलों (उच्च प्राथमिक स्कूल) के लिए कुछ समय पहले साइंस और मैथ के 29,334 टीचरों की सीधी भर्ती हुई थी। लेकिन सरकार ने अब ये तय किया है आगे से इन स्कूलों के लिए कोई सीधी भर्ती नहीं होगी, बल्कि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के प्रमोशन की जाएगी। सरकार के इस आदेश पर विभाग अब पूरी तरह से अमल भी कर रहा है। विभाग ने कई बार बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को प्रमोशन से पद भरने का निर्देश दिए हैं।
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