उप्र लोकसेवा आयोग में भर्तियों की जांच कर रही सीबीआइ को कई महत्वपूर्ण
अभिलेख ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। इनमें वह प्रस्ताव भी हैं जिन्हें पूर्व
अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के कार्यकाल में परीक्षा समिति ने असाधारण बैठक में
पारित किया था और अभ्यर्थियों ने उसमें मनमानी का आरोप लगाया था।
कई ऐसे भी
प्रस्ताव पारित हुए थे जिससे एक विशेष जाति के अभ्यर्थियों को सीधा लाभ
पहुंचा और अर्हता रखने वाले अभ्यर्थियों को चयन से वंचित होना पड़ा।
सीबीआइ को वैसे तो आयोग से पांच साल के दौरान हुई कुल 584 भर्तियों की जांच
करनी है लेकिन, पीसीएस 2015 समेत चार भर्तियां जांच अधिकारियों की
प्राथमिकता पर हैं। इनमें भी अभ्यर्थियों की ओर से धांधली के सबसे अधिक
आरोप पीसीएस 2015 परीक्षा में लगाए गए। सीबीआइ अधिकारियों को आयोग में इसी
भर्ती से संबंधित दस्तावेजों की तलाश है। टीम ने मॉडरेशन और स्केलिंग में
तो आयोग की मनमानी पकड़ ली है लेकिन, वह महत्वपूर्ण अभिलेख गायब हैं जिनसे
असल दोषियों तक सीधे पहुंचा जा सकता है। आयोग की असाधारण बैठक में पारित
हुए प्रस्ताव, पीसीएस परीक्षा में परिणाम जारी करने के बार-बार बदले गए
नियम, साक्षात्कार बोर्ड के गठन के बदले गए नियम और परीक्षा की मूल कापियों
को नष्ट करने के नियम का प्रस्ताव शामिल है। सूत्र बताते हैं कि जांच की
सरकारी घोषणा होते ही कई महत्वपूर्ण अभिलेख आयोग से आनन फानन गायब कर दिए
गए। इसकी भनक सीबीआइ को भी लगी है, जिस पर जांच अधिकारी अभिलेख न मिलने की
दशा में पूर्व अध्यक्ष के करीबियों पर शिकंजा कस सकते हैं। सीबीआइ के एसपी
राजीव रंजन ने इसकी भी जानकारी जुटा ली है कि आयोग में पूर्व अध्यक्ष का
बेहद करीबी कौन-कौन है। आयोग सचिव जगदीश ने बताया कि अभिलेख गायब होने का
मामला अभी संज्ञान में नहीं है। सीबीआइ टीम से भी ऐसी कोई जानकारी नहीं
मिली है। टीम जो भी रिकार्ड मांग रही है उसे उपलब्ध कराया जा रहा है।
इलाहाबाद : पीसीएस 2015 परीक्षा में मनमाने तरीके से चयन की जांच कर रही
सीबीआइ ने गुरुवार को कई ओएमआर शीट का मिलान किया। सीबीआइ को प्रारंभिक और
मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट पर भी संदेह हुआ है। सीबीआइ की
टीमें दो दिनों से आयोग में पीसीएस 2015 के चयनितों के मूल अभिलेख का
परीक्षण कर रही हैं। जांच अधिकारियों ने परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की
ओएमआर शीट का मिलान शुरू कर दिया है। साथ ही पता लगाया जा रहा है कि ओएमआर
शीट की छपाई कहां हुई, प्रेस को भुगतान कब और कैसे किया गया, ओएमआर शीट
किसके संरक्षण में रखी गई, शीट की स्कैनिंग किन अधिकारियों या कर्मचारियों
की देखरेख में हुई। सीबीआइ को संदेह है कि कई चयनितों की ओएमआर शीट ही बदली
गई है। इस संदेह की सच्चाई जानने के लिए आयोग के कई अधिकारियों व
कर्मचारियों से पूछताछ भी की गई है।एसएलपी पर सुनवाई आज1पीसीएस (प्रारंभिक)
2017 में आयोग की एसएलपी पर शीर्ष कोर्ट में सुनवाई शुक्रवार को होगी।
पीसीएस के परिणाम में संशोधन का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। आयोग
ने कोर्ट में मामला आइटम नंबर 26 पर सूचीबद्ध था जो अन्य एसएलपी के टैग न
होने से स्थगित किया। शीर्ष कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है। आयोग के सचिव
जगदीश ने बताया है कि एसएलपी पर सुनवाई शुक्रवार होगी।
Information on UPTET Exam , Results , UPTET Admit Cards , 69000 Shikshak Bharti , Counselling , Niyukti Patra for UP Teachers & other related information
Breaking News
- 2004 में शिक्षामित्रों की नियुक्तियों हेतु जारी विज्ञप्ति: इसी विज्ञप्ति के आधार पर हुआ था शिक्षामित्रों की का चयन
- ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- समस्त AD बेसिक व BSA के CUG मोबाइल नम्बर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News
- वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय की पहली किस्त अक्टूबर में, यह होगा सहायक अध्यापक व प्रधानाचार्य का मानदेय
- Shikshamitra Appointment: 2001 में शिक्षामित्रों की नियुक्ति सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों के सापेक्ष ही हुई थी