12वीं से ही व्यवसायिक शिक्षा की खुल रही राह, सीबीएसई के विद्यालयों में व्यवसायिक कोर्स ने पकड़ी रफ्तार परंपरागत से इतर व्यवसायिक कोर्स अपना रहे छात्र-छात्रएं

इलाहाबाद : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद से जुड़े जनपद के विद्यालयों में व्यवसायिक पाठ्यक्रम रफ्तार पकड़ रहे हैं। 10वीं-12वीं के छात्र व छात्रएं परंपरागत कला, साहित्य एवं वाणिज्य के अतिरिक्त उन्हीं विषयों को वरीयता दे रहे हैं, जिसके माध्यम से उन्हें जल्द रोजगार मिल सके।
जनपद के दर्जनों विद्यालयों में ऐसे कोर्स शुरू किए गए हैं जो छात्र-छात्रओं को रोजगार परक शिक्षा की राह खोल रहे हैं। 1जनपद में सीबीएसई से जुड़े विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा ने रफ्तार पकड़ी है। इंटरमीडिएट में रीटेलिंग, आइटी, सिक्योरिटी, आटॉमोबाइल, मनी मैनजमेंट, टूरिज्म, कृषि, फूड प्रोडक्शन, फ्रंट आफिस, मार्केटिंग और हेल्थ केयर का संचालन शुरू हो चुका है। 10वीं स्तर पर भी समाज विज्ञान, गणित और विज्ञान विषय अनिवार्य रूप में पढ़ना पढ़ रहा है। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रोफेशनल कोर्स सरकारी नौकरी से अलग छात्रों को स्वयं का व्यवसाय उपलब्ध कराने की राह खोल रहे हैं। छठें विषय के रूप में कोई भी प्रोफेशन पाठ्यक्रम शुरू है। इसमें अंग्रेजी संचार, कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, ई-पब्लिशिंग एंड ई ऑफिस सहित दर्जनों पाठ्यक्रम प्रमुख हैं।1 महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या सुष्मिता कानूनगो का कहना है कि व्यवसायिक कोर्स से दोहरा फायदा है। एक तो इससे छात्र रोजगार परक होते हैं, दूसरे 10वीं के कक्षा में उन्हें उत्तीर्ण करने में भी सहायक होते हैं। अगर छात्र तीन वैकल्पिक विषयों विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित में से एक में भी फेल हो जाता है तो इसके जगह पर व्यवसायिक विषय (छठें अतिरिक्त विषय) के अंक को जोड़ दिए जाएंगे।