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68500 शिक्षक भर्ती: परीक्षा संस्था परिसर में जलीं कॉपियां और अभिलेख, परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र में जलते मिले सरकारी रिकॉर्ड अभ्यर्थियों का आरोप, कार्रवाई के भय से नष्ट किया, वीडियो वायरल

इलाहाबाद : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र की सचिव डा. सुत्ता सिंह और रजिस्ट्रार पर कार्रवाई होने के चंद घंटे में ही परीक्षा संस्था परिसर में सरकारी अभिलेख व कॉपियां जलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इ
स पर हंगामा मच गया, कॉपियां मिलने की राह देख रहे अभ्यर्थियों ने जलते अभिलेख की फोटो व वीडियो वायरल किया है। उनका आरोप है कि गड़बड़ी के सुबूत मिटाने के लिए इस तरह की हरकत की गई है। उधर, निवर्तमान सचिव का फोन न उठने से उनका पक्ष नहीं जाना जा सका है। 1शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा कराने वाले परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में रिजल्ट आने के बाद से अनवरत प्रदर्शन और आंदोलन चल रहा है। स्कैन कॉपी केवल उसे ही किसी तरह मिल पा रही है, जो कोर्ट का आदेश लेकर आ रहे हैं। शनिवार को सरकार ने परीक्षा नियामक सचिव को निलंबित व रजिस्ट्रार को हटा दिया है। इस सूचना पर कार्यालय परिसर में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी उमड़ पड़े, उसी बीच परिसर में किनारे अभ्यर्थियों को कुछ जलता दिखाई पड़ा।

अभ्यर्थियों की मानें तो वहां पर सरकारी अभिलेख जलाए गए थे और कुछ फटी हुई उत्तर पुस्तिकाएं आसपास पड़ी थीं। उसकी फोटो खींची गई और वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है। जल रहे अभिलेख में तमाम ओएमआर शीट बताई जा रही हैं। ज्ञात हो कि शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा से पहले उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि यूपी टीईटी 2018 की परीक्षा ओएमआर शीट पर ही हुई थी और उसमें भी कई प्रश्नों के जवाब को लेकर विवाद रहा है, यह प्रकरण हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था।

अभ्यर्थियों ने इस हरकत पर जमकर हंगामा काटा और नारेबाजी की। पुलिस ने उन्हें किसी तरह शांत कराया। अभ्यर्थियों का कहना है कि भ्रष्टाचार का सुबूत मिटाने के लिए अभिलेखों को जलाया गया है। यदि उन अभिलेखों में गड़बड़ी नहीं थी तो कार्रवाई होते ही उन्हें जलाने की जरूरत क्यों पड़ी? उच्च स्तरीय टीम इस मामले की भी छानबीन करे और जो दोषी मिले उसे जेल भेजा जाए

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