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योगी सरकार से नाराज सामान्य वर्ग के हजारों शिक्षक सड़क पर उतरे, जानिए वजह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग की नीतियों से नाराज अभ्यर्थी लगातार किसी न किसी मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे हैं। 68500 शिक्षकों की भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी प्रक्रिया से नाराज होकर लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे हैं। आपको बता दें कि सभी प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी सामान्य श्रेणी के हैं।

दरअसल उत्तर प्रदेश के परिषद स्कूलों के लिए चल रही 68500 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। पर चयन प्रक्रिया में हुए बदलाव की वजह से एक बार फिर से विभाग की फजीहत शुरू हो गई है। इस भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 13 अगस्त को आया था। साथ ही इसमे 41556 अभ्यर्थियों को उतीर्ण घोषित किया गया था। परिषद ने नियुक्ति के लिए 21 अगस्त से 28 अगस्त के बीच ऑनलाइन आवेदन मंगाए थे।

इस भर्ती के आखिरी चरण में आरक्षण लागू हो जाने की वजह से 5696 सफल अभ्यर्थी जो कि सामान्य वर्ग के थे उन्हें बाहर होना पड़ा। इसी नाराजगी की वजह से अभ्यर्थियों ने राजधानी में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। असल मे चयन प्रक्रिया के दौरान आरक्षित वर्ग के उच्च मेरिट वाले अभ्यर्थियों को जनरल कैटेगरी की भी सीटें आवंटित की गई। जिसके बाद सामान्य श्रेणी के छात्रों को इस भर्ती से बाहर कर दिया गया। इसको लेकर इन अभ्यर्थियों में काफी नाराजगी है।


असफल अभ्यर्थी लखनऊ में बेसिक शिक्षा मंत्री से मिलने का प्रयास कर रहे थे। इसी क्रम में वो विभागीय मंत्री अनुपम जयसवाल से मिलने उनके सरकार आवास गए थे। जहां उन्हें मंत्री से मुलाकात नही करने दिया गया। इससे नाराज हो कर अभ्यर्थी एससीईआरटी कार्यालय पहुंच गए और वहां नारेबाजी और प्रदर्शन करने लगे।


हालांकि इस पूरे मामले पर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ प्रभात कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि चयन सूची से बाहर होने वाले अभ्यर्थियों के लिए प्रयास किया जाएगा। उन्होंने लिखा कि एनआईसी से इन अभ्यर्थियों को कैटेगोराइज करने के लिए कहा गया है।

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