नियुक्ति प्रक्रिया में लगा आरक्षण छह हजार अभ्यर्थी चयन से बाहर

प्राथमिक विद्यालयों में 68500 शिक्षक भर्ती की नियुक्ति प्रक्रिया में काउंसलिग से पहले आरक्षण लागू कर देने से लगभग छह हजार अभ्यर्थी चयन से बाहर हो गए हैं।
शुक्रवार को जारी जिला आवंटन सूची में 34660 ही सफल घोषित गए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद ने बिना काउंसलिंग के ही नवनियुक्त शिक्षकों को जिले आवंटित कर दिए हैं, जबकि एक से तीन सितंबर के बीच जिलों में काउंसलिंग होनी थी। शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में सफल 41556 अभ्यर्थियों में से 40669 ने ही काउंसलिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था।
आरक्षण के चलते लिखित परीक्षा में सफल 6009 अभ्यर्थी बाहर कर दिए गए हैं। इनका कहना है कि असफल अभ्यर्थियों में अधिकतर सामान्य वर्ग से हैं। आरोप लगाया कि नियुक्ति देने में सामान्य वर्ग में 80 अंक से नीचे वालों को रोेक दिया गया है। बेसिक शिक्षक भर्ती ग्रुप 68500 नियुक्ति पत्र समूह की ओर से कहा गया है कि परिणाम के पहले आरक्षण लागू कर सरकार ने सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के खिलाफ कुचक्र रचा है। शिक्षक भर्ती का रिजल्ट जारी होने के बाद शिक्षामित्रों को भारांक देने और आरक्षण लागू करने के चलते टॉप मेरिट में शामिल बड़ी संख्या में सामान्य वर्ग के छात्र चयन से बाहर हो गए हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि एक ही भर्ती में कई स्तर पर आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कोर्ट जाने की भी बात कही।

वहीं इस संबंध में प्रमुख सचिव बेसिक प्रभात कुमार का कहना है कि सफल अभ्यर्थियों को जिले आवंटित कर दिए गए हैं। उन्होंने ट्विट कर कहा, ‘शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हुए अभ्यर्थी निराश न हाें, यदि कोई अयोग्यता नहीं हुई तो हम उनको भी नियुक्ति देंगे। हम एनआईसी से बात कर रहे हैं कि बचे हुए अभ्यर्थियों को श्रेणीबद्घ करके उनकी मेरिट तैयार की जाए। इसी क्रम में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने कहा कि आरक्षण नियमों के चलते कुछ अभ्यर्थी बाहर जरूर हुए हैं, लेकिन उनको निराश होने की जरूरत नहीं है। सरकार उनकी नियुक्ति करेगी। अपील की कि आवेश में कोई गलत कदम न उठाएं।