योगी सरकार चली बचत की राह पर, अब होगी नई सरकारी नौकरियों में कटौती

एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : योगी सरकार अब बचत की ओर बढ़ चली है। इसके लिए सरकार ने अपने खर्चों में कटौती करने का फैसला किया है। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने मंगलवार को सभी विभागों को आदेश जारी कर खर्चों में कटौती करने को कहा है।
विभागों से साफ कहा गया है किसी भी तरह के अनावश्यक खर्चे न किए जाएं। सरकार ने बिना जरूरत नए पदों को मंजूर न करने के साथ आउटसोर्सिंग से ही काम चलाने के निर्देश दिए हैं। इससे अब नियमित नौकरियों में कटौती होगी।
चिकित्सा-पुलिस को छोड़कर किसी विभाग में नए पद नहीं : मुख्य सचिव ने कहा है कि चिकित्सा और पुलिस विभाग को छोड़कर किसी विभाग में सामान्यत: नए पद स्वीकृत न किए जाएं। विभागों में दैनिक वेतन, संविदा पर कर्मचारियों को रखने पर लगी रोक बरकरार रहेगी। जरूरत पड़ने पर बाहर की एजेंसी से कांट्रैक्ट पर लोग रखे जा सकेंगे। उनका तर्क है कि कम्प्यूटरीकरण होने के बाद से विभागों में लोगों का कार्यभार कम हो गया है। इस वजह से अनुपयोगी पदों को समाप्त कर दिया जाए और ऐसे पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को दूसरे विभागों में समायोजित कर दिया जाए। वहीं, प्राथमिक शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए अध्यापक-छात्र अनुपात का कड़ाई से पालन किया जाएगा और सरप्लस अध्यापकों को वहां से हटाकर किसी दूसरे विद्यालय में समायोजन किया जाएगा।

चतुर्थ-तकनीकी पदों पर नियमित नियुक्तियां नहीं : अब चतुर्थ श्रेणी और बगैर जरूरत विदेश यात्रा नहीं

सरकार ने अफसरों के बिना जरूरत विदेश यात्रा करने पर भी रोक लगा दी है। कहा गया है कि आवश्यकता होने पर अफसर बिजनेस के बजाय इकॉनमी क्लास की ही यात्रा करें। बगैर जरूरत के विज्ञापन व प्रसार न किया जाए और लेखन सामग्री, कार्यालय व्यय, आतिथ्य व्यय भी न किया जाए। दफ्तरों में नए फर्नीचर और नई साज सज्जा को भी बिना आवश्यकता के न किया जाए।

तकनीकी पदों पर नियमित नियुक्तियां नहीं की जाएंगी। खासतौर पर वाहन चालक, माली, वायरमैन, इलेक्ट्रीशन, प्लंबर, मिस्त्री, लिफ्टमैन के पदों पर आउटसोर्स से काम चलाया जाएगा। आउटसोर्सिंग से भर्ती भी संवर्ग में स्वीकृत पदों के सापेक्ष वित्त विभाग की सहमति से ही की जाएगी।

होटलों में नहीं होंगे आयोजन : मुख्य सचिव ने सरकारी आयोजनों और बैठकों को भी निजी होटलों की बजाए राजकीय अतिथि गृहों, सरकारी भवनों में कराए जाने के निर्देश दिए हैं। राजकीय भोज को भी पांच सितारा होटलों में नहीं आयोजित किया जा सकेगा। इसके अलावा, नए सरकारी दफ्तर, आवास और गेस्ट हाउस भी नहीं बनाए जाएंगे।