ञानपुर। ई- कुबेर ऐप के चक्कर में जिले के 33 सहायता प्राप्त माध्यमिक
विद्यालयों और संस्कृत विद्यालयों के 539 शिक्षकों का वेतन फंस गया है। दो
माह से वेतन न मिलने और नवरात्र व दशहरा पर्व नजदीक होने से शिक्षक परेशान
हैं। शिक्षक नेताओं ने सीएम के पोर्टल पर इसकी शिकायत दर्ज कराई है।
ऑनलाइन
ट्रांजिक्शन की व्यवस्था न होने से कोषागार को एसबीआई के पोर्टल पर निर्भर
होना पड़ता था। इसके एवज में एसबीआई को कमीशन दिया जाता था। बैंक की
वेबसाइट पर लोड बढ़ने से सर्वर की समस्या आ जाती थी, जिससे लेन-देन में
काफी समय लगता था। इसकी शिकायत खुद आरबीआई ने शासन स्तर पर की थी। समस्या
के निराकरण के लिए अब ई-कुबेर ऐप के माध्यम से कोषागार को सीधे आरबीआई से
जोड़ दिया गया है। अब शिक्षकों से लेकर राज्य कर्मचारियों तक का वेतन सीधे
ई-कुबेर के माध्यम से देने की व्यवस्था की जा रही है। शिक्षकों और कर्मियों
को डीआईओएस कार्यालय से टोकन दिया जाएगा। टोकन के माध्यम से उनके खाते में
वेतन पहुंचेगा। राजकीय स्कूलों में यह व्यवस्था प्रभावी हो चुकी है लेकिन
जिले के 25 माध्यमिक विद्यालयों और आठ संस्कृत विद्यालयों में यह व्यवस्था
प्रभावी नहीं हो सकी है। कुबेर ऐप के चक्कर में 539 शिक्षकों का अगस्त और
सितंबर का वेतन लटक गया है। इससे शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। विभाग का
कहना है कि 23 स्कूलों ने सभी कागजात उपलब्ध करा दिए हैं, जबकि 10 स्कूलों
ने नहीं भेजा। सभी को टोकन जारी करने की व्यवस्था की जा रही है। एक से दो
सप्ताह के अंदर ई-कुबेर ऐप से वेतन सीधे खाते में चला जाएगा। जिला विद्यालय
निरीक्षक अशोक कुमार ने कहा कि ई-कुबेर ऐप को लेकर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की
व्यवस्था प्रभावी की जा रही है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इससे आने
वाले समय में वेतन और पेंशन को लेकर परेशान नहीं होना पड़ेगा। माध्यमिक
शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री वीरेंद्र बहादुर सिंह ने सीएम के पोर्टल पर
शिकायत की है। आरोप लगाया कि कुबेर व्यवस्था को लेकर दो माह से शिक्षकों का
वेतन नहीं दिया जा रहा है, जिससे उनको परेशान होना पड़ रहा है।
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