टीईटी इनवैलिड/अपीयरिंग/परसुइंग मामले में यूपी के 50 हजार शिक्षकों पर से 19 फरवरी को मिल सकती है बड़ी राहत

देश में शिक्षकों की पात्रता तय करने वाली संस्था राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के एक जवाब से यूपी के तकरीबन 50 हजार शिक्षकों की नौकरी खतरे में है।
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अर्हता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक मामले में एनसीटीई ने अपीयरिंग/परसुइंग को परिभाषित किया है। इसके बाद से शिक्षकों में खलबली मची है क्योंकि इस परिभाषा से पिछले छह सालों में नियुक्त तकरीबन 50 हजार शिक्षकों के टीईटी प्रमाणपत्र अमान्य हो जाएंगे। वहीं यूपी सरकार ने सभी को अपने काउंटर में राहत दी है।


एनसीटीई का कहना है कि ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने शिक्षक प्रशिक्षण पूरा कर लिया हो मगर अंतिम वर्ष की परीक्षा में न बैठे हों या अंतिम वर्ष की परीक्षा में बैठ रहे अभ्यर्थी या शिक्षक प्रशिक्षण उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही टीईटी में बैठने के लिए अर्ह हैं। इसके अनुसार बीटीसी में जो चौथे सेमेस्टर में था उसका टीईटी का प्रमाणपत्र ही मान्य है जबकि पहले, दूसरे व तीसरे सेमेस्टर में रहते हुए टीईटी पास करने वाले और उसके आधार पर नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों की नौकरी पर तलवार लटक रही है।

फिलहाल उत्तर प्रदेश शासन द्वारा लगाए गए काउंटर में सभी को राहत दी गयी। सरकार के मुताबिक सभी की नौकरी पूर्णतया सुरक्षित है।

यही स्थिति बीएड व अन्य कोर्स वालों की है। बीएड अंतिम वर्ष या अन्य कोर्स के अंतिम वर्ष के अभ्यर्थी ही टीईटी में शामिल होने के लिए अर्ह थे। 2012 के बाद प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती, 9770, 10800, 10000, 15000, 16448, 12460 सहायक अध्यापक व उर्दू भर्ती के अलावा उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई विज्ञान व गणित विषय के 29334 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित शिक्षक प्रभावित हो सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक ऐसे शिक्षकों की संख्या 50000 से अधिक है जिनका ट्रेनिंग का परिणाम टीईटी के बाद घोषित हुआ। इसका असर वर्तमान में चल रही 68500 सहायक अध्यापक भर्ती और आगामी 69 हजार भर्ती पर भी पड़ेगा।

19 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई संभावित
इलाहाबाद। अपीयरिंग/परसुइंग मसले पर अगली सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में 19 फरवरी को संभावित है जिसमें एनसीटीई का पक्ष के बाद यूपी सरकार द्वारा लगाए गए काउंटर पर बहस होना है। ओमकार सिंह बीएड की तरफ से तथा मंगल सिंह द्विवर्षीय बीटीसी की तरफ से विशेष अनुज्ञा अपील(एसएलपी) किए हैं। हाईकोर्ट ने 30 मई के अपने आदेश में बेसिक शिक्षा अधिकारियों से कहा था कि जिन शिक्षकों के प्रशिक्षण का परिणाम उनके टीईटी रिजल्ट के बाद आया है उनका चयन निरस्त कर दें।
आगामी 19 फरवरी 2019 को होने वाली सुनवाई पर 50 हजार शिक्षकों को राहत मिल सकती है। तो चलिए देखना यह है कि क्या होता है कि केस में क्या होता है।