वाह मास्साब...एक साथ दो जिलों में नौकरी, नोटिस मिला तो दिया इस्तीफा

लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे शिक्षकों के जवाब आने शुरू हो गए हैं, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कई शिक्षकों ने दूसरे जिले में नौकरी ज्वाइन कर ली, लेकिन पहली नौकरी से इस्तीफा नहीं दिया है। सेवा समाप्ति की नोटिस मिलने के बाद कुछ शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है।
हद तो यह है कि एक महिला शिक्षक ने दोबारा एक साल का अवकाश बढ़ाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है, जबकि वह बरेली जिले के एक विद्यालय में कार्यरत हैं।
जनपद में कुल 3856 परिषदीय विद्यालय हैं, जिसमें 2719 प्राथमिक और 1137 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अक्सर दावे किए जाते हैं, लेकिन विद्यालयों से शिक्षक ही अनुपस्थित हो रहे हैं। विभिन्न विद्यालयों के 34 शिक्षक लंबे समय से अनुपस्थित हैं, जिन्हें सेवा समाप्ति का नोटिस भेजकर बीएसए ने जवाब मांगा था। कुछ शिक्षकों ने जवाब भेजा है, जिसमें ज्यादातर लोग दूसरे स्थानों पर सरकारी नौकरी कर रहे हैं। रमियाबेहड़ के प्राथमिक विद्यालय टेकीकुंडा के शिक्षक परमसिंह 13 दिसंबर 2016 से अनुपस्थित थे, जिन्होंने अब त्यागपत्र दिया है। इसी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बोचवा के शिक्षक सचिन वाजपेयी आठ अगस्त 2017 से गैर हाजिर थे।

सेवा समाप्ति का नोटिस मिलने के बाद सचिन ने भी त्यागपत्र दे दिया। कारणों के बारे में बताया जा रहा है कि यह दोनों दूसरे जिले में नौकरी कर रहे हैं। इसी तरह निघासन ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय रानीगंज में तैनात शिक्षक रवि कुमार मिश्रा और प्राथमिक विद्यालय पोखरी के शिक्षक अनुराग शर्मा 20 दिसंबर 2017 से लगातार अनुपस्थित चल रहे। बीएसए द्वारा सेवा समाप्ति का नोटिस मिलने के बाद दोनों शिक्षकों ने इसी जिले के ईसानगर और रमियाबेहड़ ब्लॉक के जूनियर स्कूलों में कार्यरत होने की सूचना दी है, लेकिन त्यागपत्र अभी तक नहीं दिया है। सबसे दिलचस्प मामला निघासन के प्राथमिक विद्यालय तिकुनिया प्रथम का है, जहां की शिक्षक सविता गोस्वामी 21 दिसंबर 2017 से अनुपस्थित हैं। उन्होंने बीएसए को पत्र भेजकर एक साल का अवकाश देने का अनुरोध किया है, जबकि वह बरेली जिले के एक विद्यालय में कार्यरत हैं।

34 शिक्षकों में से कुछ ने इस्तीफा दिया है। अभी अधिकतर शिक्षकों के जवाब नहीं आए हैं। जांच में पता चला है कि शिक्षकों ने दूसरी जगहों पर नौकरी हासिल कर ली है, लेकिन विभाग को सूचना नहीं दी और न ही त्यागपत्र दिया है। -बुद्ध प्रिय सिंह, बीएसए