*रिज़वान अंसारी🖋*
*69000 में पासिंग मार्क क्या होगा????*
आज कल सोशल मीडिया पर अटकलों और अफवाहों का बाजार गर्म है, कोई कह रहा है कि सरकार 55 60 का प्रस्ताव ला रही है तो कोई कह रहा है कि आमुक वकील ने ऐसा बोला, अवगत हो यह सब मिथ्या और भरमाने वाली बातें हैं
*आईये आपको सच्चाई से रूबरू करवाते हैं👇🏻*
25 जुलाई 17 को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 137000 शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर दिया, और साथ ही साथ यह डायरेक्शन भी दिया कि इनको दो क्रमागत भर्तियों में अवसर दिया जाए तथा अनुभव को आधार मानते हुए आयु में छूट व भारांक भी दिया जाए......
माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में संसोधन किया और लिखित परीक्षा थोप दी, माननीय सुप्रिम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए 137000 पदों को दो टुकड़ों में विभाजित कर दिया जिसका प्रथम पार्ट 68500 के रूप में सामने आया जिसका जिओ 9 जनवरी 2018 को जारी किया गया जिसमें स्पष्ट रूप से दर्शाया गया कि परीक्षा का उत्तीर्ण अंक 40%व 45% होगा और इस तरह पहली भर्ती सम्पन्न हो गयी,
दूसरे पार्ट में 68500 पदों में 500 पद और जोड़ते हुए 69000 पदों के लिए आवेदन लिया गया जिसका जिओ 5 दिसम्बर18 को जारी किया गया ध्यान रहे इस जिओ में पासिंग मार्क का जिक्र नही था क्योंकि पासिंग मार्क पहले ही 9 जनवरी18 को निर्धारित किया जा चुका था, यह भी ध्यान रहे कि 5 दिसम्बर के जिओ में संस्था पासिंग मार्क निर्धारित भी नहीं कर सकती थी क्योंकि यदि दोनों परीक्षाओं के पासिंग मार्क अलग अलग होते तो समानता के अधिकार(art14) का हनन हो जाता, हम कह सकते हैं कि यदि 5 दिसम्बर को भी 60 65 लगाया जाता तो भी यही हश्र होता जो 29 मार्च को हुआ था, अर्थात दोनो परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी समान हैं और यह संस्था को कानून बनाते वक्त भी पता था।
संस्था की कुछ मजबूरियां रही होंगी और उसने परीक्षा के अगले दिन अर्थात 7 जनवरी 19 को जिओ जारी करते हुए पिछली भर्ती से भिन्न पासिंग मार्क निर्धारित कर दिया जिसके लिए बेसिक शिक्षा नियमावली के उस पैरा को ढाल बनाने का प्रयास किया गया जिसमें लिखा है कि *संस्था समय समय पर पासिंग मार्क निर्धारित करेगी*
7 जनवरी के जिओ को *मो0 रिजवान व अन्य(1188)* के द्वारा माननीय हाई कोर्ट लखनऊ में चैलेंज किया गया लम्बी सुनवाई के बाद 29 मार्च को कोर्ट ने 7 जनवरी के जिओ रद्द करते हुए 9 जनवरी18 के जिओ पर रिजल्ट घोषित करने का आदेश पारित किया।
29 मार्च के जजमेंट को डबल बेंच में चैलेंज किया गया जिसकी सुनवाई अभी जारी है.....
अब बात करते हैं अटकलों की.....
जो भी अटकल लगा रहे हैं कि आमुक पासिंग मार्क हो सकता है या आमुक पासिंग मार्क का प्रस्ताव सरकार लेकर आने वाली है तो उनके बारे में जरूर बताना चाहते हैं कि ऐसी अटकल लगाने वाला इस केस के बारे में *ज़ीरो* ज्ञान रखता है।
*क्यो????*
क्योकि
1👉🏻 रणविजय सिंह जजमेंट यह कहता है कि कोर्ट एक्सपर्ट नही है और वह पासिंग मार्क निर्धारित नही कर सकती है।
अब लोग कहेंगे कि 40 45 कैसे कर दिया कोर्ट ने तो उनको बताना है कि कोर्ट ने 40 45 नही किया था बल्कि 9 जनवरी18 के जिओ को सही माना था।
*2 👉🏻 यह पासिंग मार्क केस है ही नहीं और न ही भर्ती का केस है😊*
*👉🏻 3 यह केस दो परस्पर विरोधी जारी जिओ का है*
*4 👉🏻 कोर्ट पासिंग मार्क नही निर्धारित करेगी बल्कि एक जिओ सही और एक जिओ को रद्द करेगी जैसा सिंगल जज ने किया था*
*5👉🏻 यदि 7 जनवरी का जिओ बहाल होता है तो उस जिओ के मुताबिक 60 65 पासिंग मार्क होता है*
*6👉🏻 यदि 9 जनवरी का जिओ बहाल रहता है तो 40 45 पासिंग मार्क स्वतः हो जाता है जिसके लिए हम जी जान लगा रहे हैं*
इतनी बड़ी पोस्ट लिखने के पीछे वजह यह समझना था कि इन दोनों जिओ में वर्णित पासिंग मार्क के अतिरिक्त अन्य कोई पासिंग मार्क सम्भव नहीं है, कोर्ट तर्को पर चलती है न कि अटकलों पर, न्यायिक मामलों भविष्यवाणी /अंदाज़ा लगाना मूर्खता होती है, कोई भी विधिक जानकार कोर्ट के मामलों भविष्यवाणी नही करता बल्कि न्याय को पाने के लिए अधिकतम प्रयत्न करता है,
हमारी टीम ने हमेशा लीक से हटकर काम किया है और हर बार अपेक्षा से बेहतर परिणाम दिया है, लोग जब चादर लपेटकर व्हाट्सएप चला रहे होते हैं उस समय हम इतिहास लिखने के लिए सर्वस्व न्योछावर कर रहे होते हैं और यही एक मात्र कारण है कि हम अजेय हैं और यह हमारा घमंड नही बल्कि गर्व है, शिक्षामित्र समाज ने हमेशा हार देखी थी और यदि उसे जीत का स्वाद मिला है तो केवल टीम रिज़वान अंसारी की मेहनत और लगन की बदौलत मिला है हमे गर्व है इस बात का कि घोर निराशा में डूबे समाज को हमने एक उम्मीद की किरण दिखाई *हम धन्यवाद देते हैं ईश्वर का कि जिसने इस पुनीत कार्य के लिए हमें चुना, उस आदिशक्ति की अनुकम्पा के बिना हमारा अस्तित्व शून्य से अधिक कुछ भी नहीं है......* *शायद यह अनुकम्पा आपके प्रेम और स्नेह की वजह से हो मेरा मानना है कि जब तक आपका स्नेह हमें प्राप्त होता रहेगा तब तक नित नए कीर्तिमान स्थापित होते रहेंगे.....*
आपके संघर्ष का साथी
रिज़वान अंसारी
*अजेय टीम का सबसे छोटा सिपाही*
*69000 में पासिंग मार्क क्या होगा????*
आज कल सोशल मीडिया पर अटकलों और अफवाहों का बाजार गर्म है, कोई कह रहा है कि सरकार 55 60 का प्रस्ताव ला रही है तो कोई कह रहा है कि आमुक वकील ने ऐसा बोला, अवगत हो यह सब मिथ्या और भरमाने वाली बातें हैं
*आईये आपको सच्चाई से रूबरू करवाते हैं👇🏻*
25 जुलाई 17 को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 137000 शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर दिया, और साथ ही साथ यह डायरेक्शन भी दिया कि इनको दो क्रमागत भर्तियों में अवसर दिया जाए तथा अनुभव को आधार मानते हुए आयु में छूट व भारांक भी दिया जाए......
माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में संसोधन किया और लिखित परीक्षा थोप दी, माननीय सुप्रिम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए 137000 पदों को दो टुकड़ों में विभाजित कर दिया जिसका प्रथम पार्ट 68500 के रूप में सामने आया जिसका जिओ 9 जनवरी 2018 को जारी किया गया जिसमें स्पष्ट रूप से दर्शाया गया कि परीक्षा का उत्तीर्ण अंक 40%व 45% होगा और इस तरह पहली भर्ती सम्पन्न हो गयी,
दूसरे पार्ट में 68500 पदों में 500 पद और जोड़ते हुए 69000 पदों के लिए आवेदन लिया गया जिसका जिओ 5 दिसम्बर18 को जारी किया गया ध्यान रहे इस जिओ में पासिंग मार्क का जिक्र नही था क्योंकि पासिंग मार्क पहले ही 9 जनवरी18 को निर्धारित किया जा चुका था, यह भी ध्यान रहे कि 5 दिसम्बर के जिओ में संस्था पासिंग मार्क निर्धारित भी नहीं कर सकती थी क्योंकि यदि दोनों परीक्षाओं के पासिंग मार्क अलग अलग होते तो समानता के अधिकार(art14) का हनन हो जाता, हम कह सकते हैं कि यदि 5 दिसम्बर को भी 60 65 लगाया जाता तो भी यही हश्र होता जो 29 मार्च को हुआ था, अर्थात दोनो परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी समान हैं और यह संस्था को कानून बनाते वक्त भी पता था।
संस्था की कुछ मजबूरियां रही होंगी और उसने परीक्षा के अगले दिन अर्थात 7 जनवरी 19 को जिओ जारी करते हुए पिछली भर्ती से भिन्न पासिंग मार्क निर्धारित कर दिया जिसके लिए बेसिक शिक्षा नियमावली के उस पैरा को ढाल बनाने का प्रयास किया गया जिसमें लिखा है कि *संस्था समय समय पर पासिंग मार्क निर्धारित करेगी*
7 जनवरी के जिओ को *मो0 रिजवान व अन्य(1188)* के द्वारा माननीय हाई कोर्ट लखनऊ में चैलेंज किया गया लम्बी सुनवाई के बाद 29 मार्च को कोर्ट ने 7 जनवरी के जिओ रद्द करते हुए 9 जनवरी18 के जिओ पर रिजल्ट घोषित करने का आदेश पारित किया।
29 मार्च के जजमेंट को डबल बेंच में चैलेंज किया गया जिसकी सुनवाई अभी जारी है.....
अब बात करते हैं अटकलों की.....
जो भी अटकल लगा रहे हैं कि आमुक पासिंग मार्क हो सकता है या आमुक पासिंग मार्क का प्रस्ताव सरकार लेकर आने वाली है तो उनके बारे में जरूर बताना चाहते हैं कि ऐसी अटकल लगाने वाला इस केस के बारे में *ज़ीरो* ज्ञान रखता है।
*क्यो????*
क्योकि
1👉🏻 रणविजय सिंह जजमेंट यह कहता है कि कोर्ट एक्सपर्ट नही है और वह पासिंग मार्क निर्धारित नही कर सकती है।
अब लोग कहेंगे कि 40 45 कैसे कर दिया कोर्ट ने तो उनको बताना है कि कोर्ट ने 40 45 नही किया था बल्कि 9 जनवरी18 के जिओ को सही माना था।
*2 👉🏻 यह पासिंग मार्क केस है ही नहीं और न ही भर्ती का केस है😊*
*👉🏻 3 यह केस दो परस्पर विरोधी जारी जिओ का है*
*4 👉🏻 कोर्ट पासिंग मार्क नही निर्धारित करेगी बल्कि एक जिओ सही और एक जिओ को रद्द करेगी जैसा सिंगल जज ने किया था*
*5👉🏻 यदि 7 जनवरी का जिओ बहाल होता है तो उस जिओ के मुताबिक 60 65 पासिंग मार्क होता है*
*6👉🏻 यदि 9 जनवरी का जिओ बहाल रहता है तो 40 45 पासिंग मार्क स्वतः हो जाता है जिसके लिए हम जी जान लगा रहे हैं*
इतनी बड़ी पोस्ट लिखने के पीछे वजह यह समझना था कि इन दोनों जिओ में वर्णित पासिंग मार्क के अतिरिक्त अन्य कोई पासिंग मार्क सम्भव नहीं है, कोर्ट तर्को पर चलती है न कि अटकलों पर, न्यायिक मामलों भविष्यवाणी /अंदाज़ा लगाना मूर्खता होती है, कोई भी विधिक जानकार कोर्ट के मामलों भविष्यवाणी नही करता बल्कि न्याय को पाने के लिए अधिकतम प्रयत्न करता है,
हमारी टीम ने हमेशा लीक से हटकर काम किया है और हर बार अपेक्षा से बेहतर परिणाम दिया है, लोग जब चादर लपेटकर व्हाट्सएप चला रहे होते हैं उस समय हम इतिहास लिखने के लिए सर्वस्व न्योछावर कर रहे होते हैं और यही एक मात्र कारण है कि हम अजेय हैं और यह हमारा घमंड नही बल्कि गर्व है, शिक्षामित्र समाज ने हमेशा हार देखी थी और यदि उसे जीत का स्वाद मिला है तो केवल टीम रिज़वान अंसारी की मेहनत और लगन की बदौलत मिला है हमे गर्व है इस बात का कि घोर निराशा में डूबे समाज को हमने एक उम्मीद की किरण दिखाई *हम धन्यवाद देते हैं ईश्वर का कि जिसने इस पुनीत कार्य के लिए हमें चुना, उस आदिशक्ति की अनुकम्पा के बिना हमारा अस्तित्व शून्य से अधिक कुछ भी नहीं है......* *शायद यह अनुकम्पा आपके प्रेम और स्नेह की वजह से हो मेरा मानना है कि जब तक आपका स्नेह हमें प्राप्त होता रहेगा तब तक नित नए कीर्तिमान स्थापित होते रहेंगे.....*
आपके संघर्ष का साथी
रिज़वान अंसारी
*अजेय टीम का सबसे छोटा सिपाही*