एक बरस में दो शिक्षक भर्तियां कराने का रिकॉर्ड बनने से पहले ही धड़ाम हो गया। शासन के निर्देश पर दो लिखित परीक्षाएं कराई गई लेकिन, पहली भर्ती में तीन रिजल्ट निकालने के बाद भी तय सीटें नहीं भर सकीं। वहीं, दूसरी भर्ती का परीक्षा परिणाम जारी करने की नौबत नहीं आई है।
तमाम अभ्यर्थी अब भी पहली भर्ती में नियुक्ति पाने के प्रयास में हैं तो दूसरी भर्ती का रिजल्ट कब तक जारी होगा यह तय नहीं है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को उनका समायोजन रद कर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि इन पदों की नियुक्ति में शिक्षामित्रों को आयु सीमा में छूट देते हुए दो अवसर दिए जाएं। शासन ने शीर्ष कोर्ट के अनुपालन में कुल रिक्त पदों की दो भर्तियां कराने का निर्णय लिया, साथ ही शिक्षक चयन के लिए पहली बार लिखित परीक्षा कराई गई।
पहली परीक्षा में ही गड़बड़ियां: 68500 शिक्षक भर्ती का शासनादेश नौ जनवरी 2018 को आया था। परीक्षा 27 मई को और रिजल्ट 13 अगस्त को आया, उसमें सिर्फ 41556 ही उत्तीर्ण हो सके थे। उच्च स्तरीय जांच समिति ने उन्हें उजागर किया, सचिव, रजिस्ट्रार सहित कई अफसर निलंबित हुए। उनमें कई बहाल भी हो गए हैं। अब नियुक्ति पा चुके लेकिन, कॉपी पर अनुत्तीर्ण 49 अभ्यर्थियों को बाहर करने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, नौ अभ्यर्थी नियुक्ति पाने को दौड़ लगा रहे हैं। इस भर्ती के तीन चरणों में 45383 को नियुक्ति दी गई है अभी 23117 पद खाली हैं। इन पदों का क्या होगा, इस पर शासन निर्णय नहीं ले सका है।
लाख पदों में अब तक 45383 की नियुक्ति
68500 भर्ती की तीन चरणों में नियुक्ति, 23117 पद अब तक खाली, 69000 भर्ती का रिजल्ट आठ माह से लटका
परीक्षा बाद कटऑफ से बवाल
69000 शिक्षक भर्ती का शासनादेश एक दिसंबर 2018 को आया और लिखित परीक्षा छह जनवरी 2019 को कराई गई। परीक्षा के दूसरे दिन भर्ती के लिए कटऑफ अंक जारी किए गए। प्रतियोगियों का एक वर्ग इसके विरोध में है और उसे इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दी है। सुनवाई न पूरी होने से रिजल्ट नहीं आ सका है।
तमाम अभ्यर्थी अब भी पहली भर्ती में नियुक्ति पाने के प्रयास में हैं तो दूसरी भर्ती का रिजल्ट कब तक जारी होगा यह तय नहीं है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को उनका समायोजन रद कर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि इन पदों की नियुक्ति में शिक्षामित्रों को आयु सीमा में छूट देते हुए दो अवसर दिए जाएं। शासन ने शीर्ष कोर्ट के अनुपालन में कुल रिक्त पदों की दो भर्तियां कराने का निर्णय लिया, साथ ही शिक्षक चयन के लिए पहली बार लिखित परीक्षा कराई गई।
पहली परीक्षा में ही गड़बड़ियां: 68500 शिक्षक भर्ती का शासनादेश नौ जनवरी 2018 को आया था। परीक्षा 27 मई को और रिजल्ट 13 अगस्त को आया, उसमें सिर्फ 41556 ही उत्तीर्ण हो सके थे। उच्च स्तरीय जांच समिति ने उन्हें उजागर किया, सचिव, रजिस्ट्रार सहित कई अफसर निलंबित हुए। उनमें कई बहाल भी हो गए हैं। अब नियुक्ति पा चुके लेकिन, कॉपी पर अनुत्तीर्ण 49 अभ्यर्थियों को बाहर करने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, नौ अभ्यर्थी नियुक्ति पाने को दौड़ लगा रहे हैं। इस भर्ती के तीन चरणों में 45383 को नियुक्ति दी गई है अभी 23117 पद खाली हैं। इन पदों का क्या होगा, इस पर शासन निर्णय नहीं ले सका है।
लाख पदों में अब तक 45383 की नियुक्ति
68500 भर्ती की तीन चरणों में नियुक्ति, 23117 पद अब तक खाली, 69000 भर्ती का रिजल्ट आठ माह से लटका
परीक्षा बाद कटऑफ से बवाल
69000 शिक्षक भर्ती का शासनादेश एक दिसंबर 2018 को आया और लिखित परीक्षा छह जनवरी 2019 को कराई गई। परीक्षा के दूसरे दिन भर्ती के लिए कटऑफ अंक जारी किए गए। प्रतियोगियों का एक वर्ग इसके विरोध में है और उसे इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दी है। सुनवाई न पूरी होने से रिजल्ट नहीं आ सका है।