68500 शिक्षक भर्ती कट ऑफ 30/33 शासनादेश withdrawal मामले में मुख्य याचिका 6000/19(SS) में कनेक्टेड सभी याचिकाएं खारिज

68500 शिक्षक भर्ती कट ऑफ 30/33 शासनादेश withdrawal मामले में मुख्य याचिका 6000/19(SS) में कनेक्टेड सभी याचिकाएं खारिज
#68500 शिक्षक भर्ती#

68500 शिक्षक भर्ती कट ऑफ 30/33 शासनादेश withdrawal मामले में मुख्य याचिका 6000/19(SS) में कनेक्टेड सभी याचिकाएं खारिज--------


  साथियो जीतने का मजा वहां ज्यादा  होता है जहाँ सब हार का इंतज़ार कर रहे हो और जीत मिल जाये।। जैसे जिला आवंटन केस 68500।।

ओर यहां 40 45 केस में तो हार जीत का कोई मतलब ही न था। 45 40 ने तो उंगली तक न लगाई इस केस में।ओर परिणाम पूरा केस इतनी लंबी सुनबाई ओर बड़े बड़े बकीलो से लगातार हियरिंग होने के बाद भी खारिज हो गया।

क्यो की इसकी पटकथा उसी समय लिख दी गई जब इलहाबाद में पहली बार अनुराग गोस्वामी के नाम से रिट दाखिल की गई और उसके बाद लखनऊ में दिवाकर सिंह के नाम से सिंगल बेंच से 40/45 कटऑफ का आर्डर पास करवाया ओर फिर डबल बेंच में मजबूत पैरवी करने के बाद अंततः सरकार को 40/45 कटऑफ पर भर्ती करने के लिए बाध्य किया गया।

 साथियो ये सब कुछ आकश्मिक ही नही हुआ बल्कि इसके पीछे हमारे कुछ साथियो का असीम संघर्ष ,त्याग दूरगामी सोच,धैर्य सहनशीलता झुझारूपन ओर कुछ कर गुजरने की उनकी ललक ओर क्षमता ही हमे 5 sep को हम सभी को बेसिक में अपनी सेवा देने का अबसर दे पाए।

साथियो किसी भी पेशे की महतबता तब ज्यादा बढ़ जाती है जब हमें ये ज्ञात हो कि किन किन संघर्षो के बाद हम इस पेशे में आये है जिस समय सपा की सरकार थी उस समय हमारे सामने जिला वरीयता ,चयन मेरिट पर,sm केस सुप्रीम कोर्ट में लंबित थे, ऐसे में सबसे पहले लक्ष्मण मेला मैदान में 75000 के धरने से 68500 भर्ती के लिए प्रयास सुरु हुआ सरकार बदली sm केस में जीत मिली और फिर 137500 पदों को 2 बार मे भरने के लिए आदेश पारित कराया। उसके बाद जिला वरीयता समाप्त कराने चयन का मापदंड बदलने sm भारांक का विरोध करने और सामान्य बर्ग के कैंडिडेट को पर्याप्त प्रतिनिधितब मिले इसके लिए लखनऊ से लेकर इलाहाबाद तक सचिबालय से लेकर मंत्रियों तक समय समय पर हमारे साथियो के दुवारा प्रयास किये गए।

इन सबके बाद भी सबसे बड़ी चुनोती थी sm भारांक जिसके कारण सामान्य ओर ओबीसी के कैंडिडेट जो आईएएस ओर पीसीयस की योग्यता रखने बाले भी इसमे चयन नही ले पाते (जब कि 68500 पद थे और मात्र 1लाख कैंडिडेट) ऐसे में हमारे लिए सबसे ज्यादा निर्णायक 40/45 कटऑफ का केस रहा और जिसकी बदौलत ही हम सब 5 sep 2018 को बेसिक में प्रदार्पण कर पाए।

साथियो मैं उन सभी साथियो का हिर्दय से धन्यबाद देता हूँ जिन्होंने इस क्रांतिकारी ओर निर्णायक युद्ध मे अपना छोटा से छोटा योगदान भी दिया क्यो की आप सब लोगो के कारण ही हम एक सुनहरे भविष्य अवसर के रूप में शिक्षक बनकर इस पेशे में आये और इज्जत ओर सम्मान के साथ अपना जीवन यापन करने के योग्य हो पाए।

आप सभी साथी जो 68500 भर्ती में चयनित हुए है उन सभी से इतना निवेदन है कि इस संघर्ष और इतिहास को हमेशा अपने जेहन में रखकर बेसिक  की आशाओं ओर आकांशाओ को पूरा करे हर एक गरीब अभिभावकों के बच्चो की महत्वकांशाओ को पूरा करें ओर उनके जीवन को उज्जवल बनाये।

  -------धन्यबाद-----
 आपके संघर्ष का एक छोटा सा साथी
    ---/ अनुराग गुप्ता---/--
    सहायक अध्यापक बदायू