इस आर्डर को ध्यान से पढ़कर यही लगा कि न्यायालय ने विपक्षियों के सभी दलील को खारिज़ कर दिया।
यहाँ तक कि न्यायायलय ने सरकार की पावर को माना है। न्यायलय ने 70 नम्बर बिंदु पर यह बात मानी है कि सरकार ने 21-05-2018 का जो अपना जिओ वापस लिया है, उसका कारण संतोषजनक है। सरकार ने वापस लेने का कारण भी उस जिओ में बता दिया है।
अन्यथा न्यायालय खुद के विवरणों में विचलित हो गया। अगर सरकार जिओ वापस नही लेती तो हो सकता है कि फैसला और कुछ भी हो सकता था।
न्यायालय से जब तेज़ प्रकाश पाठक के केस की चर्चा की गई तो न्यायालय स्वयं यह बात मान रहा है कि उसका मामला अभी लंबित है, उसके तर्क को हमे नही देखना। लेकिन मामले एक पासिंग मार्क्स के बाद लगतार दूसरा पासिंग मार्क्स स्वयं जायज़ नही है।
कुछ लोग बिना आर्डर पढ़े जो हल्ला कर रहे और अनुभाग4 द्वारा आदेशित को गलत बता रहे, यहां अनुभाग4 का और खेल के बीच में नियम बदलने का मामला ही नही है। अदालत साफ साफ कह रही कि स्वयं से इस बात पर विचार करिये कि लगातार दो बार पासिंग मार्क्स लगाना क्या जायज़ है। वह सरकार द्वारा अपने लिए गए वापस के फैसले को सही मान रही है।
आज का ऑर्डर 69000 के लिये सकारात्मक ही साबित होगा।
यहाँ तक कि न्यायायलय ने सरकार की पावर को माना है। न्यायलय ने 70 नम्बर बिंदु पर यह बात मानी है कि सरकार ने 21-05-2018 का जो अपना जिओ वापस लिया है, उसका कारण संतोषजनक है। सरकार ने वापस लेने का कारण भी उस जिओ में बता दिया है।
अन्यथा न्यायालय खुद के विवरणों में विचलित हो गया। अगर सरकार जिओ वापस नही लेती तो हो सकता है कि फैसला और कुछ भी हो सकता था।
न्यायालय से जब तेज़ प्रकाश पाठक के केस की चर्चा की गई तो न्यायालय स्वयं यह बात मान रहा है कि उसका मामला अभी लंबित है, उसके तर्क को हमे नही देखना। लेकिन मामले एक पासिंग मार्क्स के बाद लगतार दूसरा पासिंग मार्क्स स्वयं जायज़ नही है।
कुछ लोग बिना आर्डर पढ़े जो हल्ला कर रहे और अनुभाग4 द्वारा आदेशित को गलत बता रहे, यहां अनुभाग4 का और खेल के बीच में नियम बदलने का मामला ही नही है। अदालत साफ साफ कह रही कि स्वयं से इस बात पर विचार करिये कि लगातार दो बार पासिंग मार्क्स लगाना क्या जायज़ है। वह सरकार द्वारा अपने लिए गए वापस के फैसले को सही मान रही है।
आज का ऑर्डर 69000 के लिये सकारात्मक ही साबित होगा।