झाँसी : बेसिक शिक्षा विभाग में एआरपी (ऐकडेमिक रिसोर्स पर्सन) और
एसआरजी (स्टेट रिसोर्स ग्रुप) में चयनित शिक्षकों का प्रेरणा पोर्टल पर
पंजीकरण कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। चयन के अगले दिन ही उन्हें
प्रेरणा पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। इस सम्बन्ध में राज्य परियोजना
निदेशक समग्र शिक्षा ने सभी ़िजलों के ़िजला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को
पत्र जारी कर दिया है।
राज्य परियोजना (समग्र शिक्षा) के निदेशक विजय किरन आनन्द द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि ़िजले में चयनित एसआरजी और एआरपी का प्रेरणा पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक है। एआरपी को महीने में 30 विद्यालयों का सपोर्टिव सुपरवि़जन इसी ऐप पर करके देना होगा, जबकि एसआरजी भी मोबाइल ऐप के माध्यम से सुपरवि़जन करेंगे। निदेशक द्वारा जारी पत्र के बाद अब यह साफ हो गया है कि एसआरजी और एआरपी में चयनित शिक्षकों को प्रेरणा ऐप मोबाइल फोन पर डाउनलोड करना होगा और उन्हें तमाम विभागीय कार्य इसी ऐप पर सम्पादित करने होंगे। प्रेरणा ऐप के विरोध को लेकर ही शुक्रवार (27 दिसम्बर) को ़िजले में अधिकाश शिक्षकों ने एआरपी की लिखित परीक्षा का बहिष्कार कर दिया था। ़िजले में हिन्दी, अंग्रे़जी, गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान के 9-9 पदों पर एआरपी का चयन होना है, लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण विभागीय अधिकारी असमंजस में हैं। इन पदों के लिए उनके पास अभ्यर्थी ही नहीं हैं। इससे सा़फ है कि प्रेरणा ऐप के माध्यम से विद्यालयों के सुपरवि़जन की शासन की मंशा फिलहाल ़िजले में परवान नहीं चढ़ सकेगी।
एसआरजी पर बढ़ा दबाव
प्रेरणा ऐप के तमाम विरोध के बावजूद ़िजले में 3 शिक्षकों का चयन एसआरजी के लिए पहले ही हो गया, किन्तु एआरपी की परीक्षा के बहिष्कार में शिक्षकों की एकजुटता को देखते हुए अब इन शिक्षकों पर नैतिक दबाव बढ़ता जा रहा है और कई शिक्षक नेता इनसे शिक्षक हित में एसआरजी की कुर्सी का मोह त्यागने की अपील कर रहे हैं। प्रेरणा ऐप के मुखर विरोध के कारण कई ़िजलों में अभी भी एसआरजी के पद रिक्त हैं। वहीं जिले में भी एक एसआरजी ने एआरपी के लिए आवेदन किया था, लेकिन शिक्षकों का रुख देखकर वह परीक्षा में शामिल नहीं हुए।
एबीआरसी साबित नहीं कर पाए योग्यता
एआरपी की परीक्षा में लिखित परीक्षा में जो 6 परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण हुए हैं, उनकी जमकर किरकिरी हो रही है। एक अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी तो लगातार दूसरी बार एबीआरसी पद पर चयनित होकर कुछ दिन पहले तक विभिन्न विद्यालयों में शिक्षकों को ज्ञान बाँट रहे थे, किन्तु एआरपी की लिखित परीक्षा में अपनी योग्यता साबित नहीं कर पाए। उन्हें 60 प्रतिशत अंक अर्जित करने के लाले पड़ गए। इसी प्रकार एक अन्य अनुत्तीर्ण परीक्षार्थी भी एबीआरसी थीं, पर वे भी अपने विषय में विशेषज्ञता साबित करने में असफल रहीं। सूत्रों का कहना है कि कई जनपदों में लिखित परीक्षा के अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों की स्क्रीनिंग कराए जाने की माँग के बाद अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों की धड़कने ते़ज हो गई हैं। उन्हें भय सता रहा है कि कहीं स्क्रीनिंग का भूत यहाँ भी न आ जाए।
फाइल : सुरेन्द्र सिंह
समय : 8.30
30 दिसम्बर 2019
राज्य परियोजना (समग्र शिक्षा) के निदेशक विजय किरन आनन्द द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि ़िजले में चयनित एसआरजी और एआरपी का प्रेरणा पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक है। एआरपी को महीने में 30 विद्यालयों का सपोर्टिव सुपरवि़जन इसी ऐप पर करके देना होगा, जबकि एसआरजी भी मोबाइल ऐप के माध्यम से सुपरवि़जन करेंगे। निदेशक द्वारा जारी पत्र के बाद अब यह साफ हो गया है कि एसआरजी और एआरपी में चयनित शिक्षकों को प्रेरणा ऐप मोबाइल फोन पर डाउनलोड करना होगा और उन्हें तमाम विभागीय कार्य इसी ऐप पर सम्पादित करने होंगे। प्रेरणा ऐप के विरोध को लेकर ही शुक्रवार (27 दिसम्बर) को ़िजले में अधिकाश शिक्षकों ने एआरपी की लिखित परीक्षा का बहिष्कार कर दिया था। ़िजले में हिन्दी, अंग्रे़जी, गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान के 9-9 पदों पर एआरपी का चयन होना है, लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण विभागीय अधिकारी असमंजस में हैं। इन पदों के लिए उनके पास अभ्यर्थी ही नहीं हैं। इससे सा़फ है कि प्रेरणा ऐप के माध्यम से विद्यालयों के सुपरवि़जन की शासन की मंशा फिलहाल ़िजले में परवान नहीं चढ़ सकेगी।
एसआरजी पर बढ़ा दबाव
प्रेरणा ऐप के तमाम विरोध के बावजूद ़िजले में 3 शिक्षकों का चयन एसआरजी के लिए पहले ही हो गया, किन्तु एआरपी की परीक्षा के बहिष्कार में शिक्षकों की एकजुटता को देखते हुए अब इन शिक्षकों पर नैतिक दबाव बढ़ता जा रहा है और कई शिक्षक नेता इनसे शिक्षक हित में एसआरजी की कुर्सी का मोह त्यागने की अपील कर रहे हैं। प्रेरणा ऐप के मुखर विरोध के कारण कई ़िजलों में अभी भी एसआरजी के पद रिक्त हैं। वहीं जिले में भी एक एसआरजी ने एआरपी के लिए आवेदन किया था, लेकिन शिक्षकों का रुख देखकर वह परीक्षा में शामिल नहीं हुए।
एबीआरसी साबित नहीं कर पाए योग्यता
एआरपी की परीक्षा में लिखित परीक्षा में जो 6 परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण हुए हैं, उनकी जमकर किरकिरी हो रही है। एक अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी तो लगातार दूसरी बार एबीआरसी पद पर चयनित होकर कुछ दिन पहले तक विभिन्न विद्यालयों में शिक्षकों को ज्ञान बाँट रहे थे, किन्तु एआरपी की लिखित परीक्षा में अपनी योग्यता साबित नहीं कर पाए। उन्हें 60 प्रतिशत अंक अर्जित करने के लाले पड़ गए। इसी प्रकार एक अन्य अनुत्तीर्ण परीक्षार्थी भी एबीआरसी थीं, पर वे भी अपने विषय में विशेषज्ञता साबित करने में असफल रहीं। सूत्रों का कहना है कि कई जनपदों में लिखित परीक्षा के अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों की स्क्रीनिंग कराए जाने की माँग के बाद अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों की धड़कने ते़ज हो गई हैं। उन्हें भय सता रहा है कि कहीं स्क्रीनिंग का भूत यहाँ भी न आ जाए।
फाइल : सुरेन्द्र सिंह
समय : 8.30
30 दिसम्बर 2019