69000 शिक्षक भर्ती की सीटें खराब करेंगे पूर्व चयनित अभ्यर्थी

69000 शिक्षक भर्ती की सीटें खराब करेंगे पूर्व चयनित अभ्यर्थी


69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के परिणाम में सीटों से दोगुने से अधिक अभ्यर्थियों के पास होने से एक
बात तो साफ हो गई है कि एक-एक सीट पर चयन की मारामारी रहेगी। ऐसे में चिंता की बात है कि 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों के चलते इस भर्ती में हजारों सीटें खराब होने जा रही हैं। यही कारण है कि कम मेरिट वाले अभ्यर्थी 68500 में चयनित शिक्षकों को 69000 भर्ती में अवसर नहीं देने की मांग कर रहे हैं।
68500 में चयनित हजारों अभ्यर्थियों को अपने जिले से सैकड़ों किमी दूर दूसरे जिले में ज्वाइनिंग मिली थी। गलत जिला आवंटन को लेकर शिखा सिंह व 48 अन्य ने हाईकोर्ट में याचिकाएं भी की थी। अपने गृह जनपद से दूर जिले में तैनात 68500 शिक्षक भर्ती के चयनित शिक्षक अपने घर आने के लिए इसलिए भी परेशान हैं क्योंकि उनकी नियुक्ति के समय ही परिषद ने स्पष्ट कर दिया था कि भविष्य में उन्हें अंतर जनपदीय तबादले का लाभ नहीं मिलेगा। उनके पास नये सिरे से चयनित होकर अपने पसंदीदा जिले में तैनाती पाने का ही विकल्प रह गया था। एक दिसंबर 2018 को 69000 भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने पर 68500 के चयनित शिक्षकों ने भी आवेदन कर दिया ताकि उन्हें मनपसंद जिले में तैनाती मिल जाए। 68500 में चयनित 15 हजार ऐसे शिक्षक हैं जो 69000 भर्ती के परिणाम में भी सफल हैं। अब नई भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू होने पर पुराने शिक्षक भी फार्म भरेंगे। अपने मनपसंद जिले या उसके आसपास के जिले की मेरिट में नाम आने पर वे पुरानी नौकरी से इस्तीफा देकर नई नौकरी ज्वाइन कर लेंगे।

यदि पसंदीदा जिले की मेरिट में नाम नहीं आता तो वे पद खाली छोड़ देंगे। लेकिन दोनों ही परिस्थिति में 69000 परीक्षा के कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों का नुकसान होगा। चूंकि वेटिंग लिस्ट से चयन नहीं होता इसलिए पद खाली रह जाएंगे। पूर्व में चयनित शिक्षकों के आवेदन नहीं करने की स्थिति में कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को भी नौकरी मिलने की संभावना बन सकती है। लेकिन पूर्व में चयनित शिक्षकों को आवेदन से रोकने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों का नुकसान होना लगभग तय है।