टीचिंग में चीटिंग: प्रदेश के 25 जिलों में थी एक ही शिक्षिका की तैनाती मामले में शिक्षिका बर्खास्त

टीचिंग में चीटिंग: प्रदेश के 25 जिलों में थी एक ही शिक्षिका की तैनाती मामले में शिक्षिका बर्खास्त
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लखनऊ: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की विज्ञान शिक्षिका अनामिका शुक्ला द्वारा प्रदेश के कई जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों में तैनाती पाने और और मानदेय हासिल करने के मामले को शासन ने गंभीरता से लिया है। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने आरोपित शिक्षिका और उसके अभिलेखों का दुरुपयोग करने वाली अन्य शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है।


इस मामले में जिन अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत होगी, उनकी भूमिका की जांच कराकर उनके खिलाफ भी कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने प्रदेश के सभी केजीबीवी में तैनात शिक्षिकाओं की भर्ती/चयन के समय प्रस्तुत किए गए सभी प्रमाणपत्रों का सत्यापन एक निश्चित समय अवधि में तत्काल कराने का निर्देश दिया है।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि कि पहले सभी केजीबीवी में शिक्षकों की उपस्थिति रजिस्टर में मैनुअली दर्ज होती थी। इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं होती थी। एक की जगह दूसरी शिक्षिका अटेंडेंस भर देती थीं। इस अनियमितता पर अंकुश लगाने के लिए विभाग ने प्रेरणा ऐप के जरिए शिक्षकों की उपस्थिति की डिजिटल मॉनिटरिंग शुरू की। इसमें पाया गया कि बागपत में बड़ौत क्षेत्र में स्थित केजीबीवी की विज्ञान शिक्षिका अनामिका शुक्ला लंबे समय से से अनुपस्थित हैं।

यह तथ्य सामने आने पर उनका वेतन भुगतान रोक दिया गया। फिर मीडिया में खबर आई कि अनामिका शुक्ला प्रदेश के 25 अलग-अलग कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नौकरी कर रही हैं और वहां से मानदेय भी प्राप्त कर रही हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद इसकी जांच करा रहे हैं।

अब तक की जांच में पता चला है कि अनामिका शुक्ला के अभिलेखों का इस्तेमाल करके अलग-अलग शिक्षिकाओं ने अलीगढ़, अमेठी, सहारनपुर और अंबेडकरनगर में मानदेय प्राप्त किया है। अलीगढ़ में 93530, अमेठी में 68200, सहारनपुर में 116300 और अंबेडकरनगर में 231331 रुपये का भुगतान हुआ है। इस तरह कुल लगभग पांच लाख रुपये का फर्जी भुगतान हुआ है।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि बागपत में मामला उजागर होने पर शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है और उसके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करा दी गई है। जिन अन्य स्थानों पर इस मामले में गड़बड़ी का पता चला है वहां भी एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए गए हैं।

’>>प्रदेश के 25 जिलों में थी एक ही शिक्षिका की तैनाती, भुगतान भी लिया

’>>चार जिलों में पाया गया फर्जीवाड़ा, प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश

गोंडा से बीए तक की है पढ़ाई

कासगंज की नियुक्ति के शैक्षिक अभिलेखों में उक्त शिक्षिका की उम्र करीब 27 वर्ष कुछ महीने है। हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट गोंडा से किया है। बीए गोंडा के रघुकुल महिला विद्यापीठ सिविल लाइन्स से किया है। वहीं बीएड आदर्श कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, आंबेडकर नगर से किया है।

रायबरेली में जांच शुरू हुई तो वाट्सएप पर इस्तीफा भेजा

रायबरेली में भी अनामिका की तैनाती है। यहां से उसने 12 महीने का भुगतान लिया। बात जब सामने आई तो अफसरों ने आनन-फानन नोटिस जारी करते हुए 13वें महीने का मानदेय रोक दिया। इसके बाद लगातार शैक्षिक प्रमाणपत्र समेत निवास, आधार आदि के प्रपत्र मांगे जाते रहे, लेकिन शिक्षिका ने कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया। तीन महीने से उसका कुछ भी अता-पता नहीं है। इस बीच शिक्षिका द्वारा डीसी (जिला समन्वयक) बालिका को वाट्सएप के माध्यम से इस्तीफा भेज दिया गया।

अलीगढ़ में हर महीने भेजा गया भुगतान

अलीगढ़ के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में तैनात रही अनामिका शुक्ला के खिलाफ वहां के बीएसए डॉ.लक्ष्मी कांत पांडे ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराने के आदेश किए हैं। साथ ही सेवा समाप्त कर दी गई है। अलीगढ़ में भी उसके खाते में हर महीने 22 हजार रुपये वेतन भेजा गया। कासगंज के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में उसने अपना पता फरुखाबाद के लखनपुर का दिखाया है। शिक्षिका के इलाहाबाद बैंक के खाते में हर महीने वेतन का भुगतान भी होता रहा है।