उत्तर प्रदेश में चल रही 69 हजार शिक्षकों की
भर्ती (Aallhabad High Court) के मामले में आज डबल बेंच में उत्तरकुंजी
विवाद पर लगे स्टे सुनवाई को लेकर सुनवाई हुई। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस
मुद्दे को लेकर लखनऊ बेंच (Aallhabad High Court) में विशेष अपील दायर की
थी।
69 हजार शिक्षक भर्ती: सीटेट फेल सिद्धार्थ पाण्डेय बनेंगे शिक्षक, मेरिट सूची में नाम शामिल!
इस मुद्दे की
सुनवाई जस्टिस पंकज जायसवाल और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच में कोर्ट
नंबर एक में राज्य सरकार की विशेष अपील पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद डबल
बेंच ने ऑर्डर रिजर्व कर लिया है, अब 10 जून को कोर्ट (Aallhabad High
Court) इस मुद्दे पर अपना निर्णय सुनाएगी कि आखिकार स्टे हटाना है या फिर
नहीं। बता दें, राज्य सरकार ने 3 जून को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश के
खिलाफ अपील दायर करके इस मामले में जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था। बता
दें लखनऊ बेंच के जज आलोक माथुर ने 69000 भर्ती की लिखित परीक्षा में कुछ
उत्तरों के विवादित होने पर स्टे लगा दिया था।
69 हजार शिक्षक भर्ती: जमकर हुआ फर्जीवाड़ा, टॉपर की गिरफ्तारी के बाद खुल रहे राज
उत्तरकुंजी के
मामले में स्टे हटवाने का प्रयास कर रही सरकार की तरफ से आज महाधिवक्ता ने
बहस की। वहीं याचियों की तरफ से वरिष्ठ वकील डॉ एलपी मिश्रा ने बहस की।
दोनों ही पक्षों की तरफ से हुई बहस में बस सरकार की तरफ से यही मांग की
जाती रही कि स्टे हटा दिया। वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील एलपी
मिश्रा ने कहा कि यूजीसी की अनुमति के बिना स्टे हटाना गलत होगा। उन्होंने
कहा कि जब कोर्ट के ही ऑर्डर पर यह सब हो रहा है, तो फिर आखिर भर्ती करने
को लेकर सरकार को इतनी जल्दी क्यों है। वहीं, इस मुद्दे पर जज ने सरकार से
कहा कि कोर्ट (Aallhabad High Court) के आदेश में कोई कमी बता दीजिए, हम
भर्ती से स्टे हटा देंगे। महज चंद मिनट की बहस के बाद डबल जज की बेंच ने
ऑर्डर को रिजर्व कर लिया। उन्होंने इस मामले में रिटेन अरुग्मेंट्स 9 जून
तक जमा करने के लिए कहा है। इस मामले पर डबल बेंच की तरफ से फैसला 10 जून
को सुनाया जाएगा।
69 हजार शिक्षक भर्ती: MRC के खिलाफ भाजपा सांसद और विधायक, कहा मर जाएगा हक
लखनऊ हाईकोर्ट
(Aallhabad High Court) ने 3 जून को इस भर्ती पर 8 मई के बाद हुई सारी
प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट (Aallhabad High Court) के इस आदेश
के बाद प्रदेश सरकार ने 3 जून को शुरू हुई काउंसलिंग पर रोक लगा दी थी। 69
हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में लखनऊ हाईकोर्ट (Aallhabad High Court)
के आदेश को चुनौती देते हुए सरकार ने 480 पन्ने की विशेष अपील दाखिल की थी।
यह याचिका यूपी सरकार, शिक्षा विभाग सहित दो अन्य लोगों ने शुक्रवार को
दाखिल की थी। सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रण विजय सिंह के जरिए यह
अपील दाखिल की गई। इसमें परीक्षा नियामक प्राधिकरण, यू पी बेसिक शिक्षा
बोर्ड, राज्य सरकार और राज्य शैक्षिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान परिषद ने दायर
की है। इस मुद्दे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Aallhabad High Court) की
लखनऊ बेंच में हुई बहस में ऋषभ मिश्र, समर बहादुर, अमृता त्रिपाठी सहित
अन्य अभ्यर्थियों ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी।
विवादित प्रश्नों को लेकर परीक्षा नियामक प्राधिकरण की तरफ से जारी किए गए प्रश्नों के उत्तर को लेकर सिर्फ अभ्यर्थी ही नहीं बल्कि कोर्ट में नाराजगी देखने को मिल रही है। प्रश्नों को लेकर विवाद 69,000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में का रिजल्ट आने के बाद शुरू हुआ है। परीक्षा नियामक प्राधिकरण (PNP) ने सिलेबस से हटकर पूछे गए तीन प्रश्नों पर सबको कॉमन नंबर दिए हैं, लेकिन अभ्यर्थियों की आपत्ति पर कोई निर्णय नहीं दिया गया है। बता दें, जिन प्रश्नों को लेकर हजारों अभ्यर्थियों ने आपत्ति की थी, उन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। पीएनपी की इस मनमानी से ही विवादित प्रश्नों को लेकर अभ्यर्थी कोर्ट गए। लखनऊ खण्डपीठ (Aallhabad High Court) के न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पीएनपी से 30 मई तक प्रतिउत्तर दाखिल करने के लिए कहा था। राज्य सरकार समेत दो पक्षकारों ने हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ (Aallhabad High Court) में जवाबी हलफनामा पेश किया था। हाईकोर्ट (Aallhabad High Court) ने चार सवालों के विवादित उत्तरों के संबंध में विशेषज्ञों की समिति गठित कर पुनर्मूल्यांकन की मांग की थी, न्यायालय के आदेश के बाद सरकार ने विशेषज्ञों से राह लेकर साक्ष्य दाखिल भी कर दिए थे। अब कोर्ट ने इस मुद्दे को लेकर यूजीसी से परामर्श मांगा है और एक्सपर्ट की रिपोर्ट के बाद ही भर्ती पर आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।
69 हजार शिक्षक भर्ती: जमकर हुआ फर्जीवाड़ा, टॉपर की गिरफ्तारी के बाद खुल रहे राज
इतने मिनट की बहस में ऑर्डर रिजर्व
69 हजार शिक्षक भर्ती: MRC के खिलाफ भाजपा सांसद और विधायक, कहा मर जाएगा हक
480 पन्नों की विशेष अपील हुई दायर
69 हजार शिक्षक भर्ती: 'तिवारी' और 'उपाध्याय' के ओबीसी और 'गुप्ता' के एसटी बनने पर उठ रहे सवाल
यूजीसी से मांगी गई है रिपोर्ट
विवादित प्रश्नों को लेकर परीक्षा नियामक प्राधिकरण की तरफ से जारी किए गए प्रश्नों के उत्तर को लेकर सिर्फ अभ्यर्थी ही नहीं बल्कि कोर्ट में नाराजगी देखने को मिल रही है। प्रश्नों को लेकर विवाद 69,000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में का रिजल्ट आने के बाद शुरू हुआ है। परीक्षा नियामक प्राधिकरण (PNP) ने सिलेबस से हटकर पूछे गए तीन प्रश्नों पर सबको कॉमन नंबर दिए हैं, लेकिन अभ्यर्थियों की आपत्ति पर कोई निर्णय नहीं दिया गया है। बता दें, जिन प्रश्नों को लेकर हजारों अभ्यर्थियों ने आपत्ति की थी, उन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। पीएनपी की इस मनमानी से ही विवादित प्रश्नों को लेकर अभ्यर्थी कोर्ट गए। लखनऊ खण्डपीठ (Aallhabad High Court) के न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पीएनपी से 30 मई तक प्रतिउत्तर दाखिल करने के लिए कहा था। राज्य सरकार समेत दो पक्षकारों ने हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ (Aallhabad High Court) में जवाबी हलफनामा पेश किया था। हाईकोर्ट (Aallhabad High Court) ने चार सवालों के विवादित उत्तरों के संबंध में विशेषज्ञों की समिति गठित कर पुनर्मूल्यांकन की मांग की थी, न्यायालय के आदेश के बाद सरकार ने विशेषज्ञों से राह लेकर साक्ष्य दाखिल भी कर दिए थे। अब कोर्ट ने इस मुद्दे को लेकर यूजीसी से परामर्श मांगा है और एक्सपर्ट की रिपोर्ट के बाद ही भर्ती पर आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।