69000 शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा: परीक्षा पास कराने वाले वायरल ऑडियो की फॉरेंसिक जांच, UP STF को पत्र

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers Recruitment) में फर्जीवाड़े की एक तरफ यूपी एसटीएफ (UP STF) जांच कर रही है. वहीं दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Eduction Department) ने भी कमर कस ली है. भर्ती में सेंधमारी करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए अब विभाग इसी साल फरवरी में परीक्षा पास कराने के लिए लेन-देन के वाट्सएप (Whatsapp) पर वायरल ऑडियो (Viral Audio) की एसटीएफ से जांच कराएगा. नियामक प्राधिकारी प्रयागराज सचिव ने स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के महानिरीक्षक को जांच के लिए पत्र लिखा है.


वॉयरल ऑडियो की भी जांच करे एसटीएफ

एसटीएफ को भेजे पत्र के मुताबिक वायरल ऑडियो में परीक्षा पास कराने को लेकर पैसों का लेन-देन भी गंभीर मुद्दा है. ऐसे में भर्ती परीक्षा में सेंधमारी को लेकर चल रही जांच के साथ इस प्रकरण को भी शामिल करके ऑडियो की भी जांच की जाए. बताते चलें कि इस पूरे मामले को न्यूज 18 ने प्राथमिकता से उठाया था, जिसके बाद अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने ऑडियो की फॉरेंसिक जांच के आदेश दिए थे. लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से फॉरेंसिक रिपोर्ट नहीं मिल सकी और अब मामले की एसटीएफ जांच कराने का फैसला लिया गया है.




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फरवरी में हुआ था ऑडियो  वायरल, परीक्षा पास कराने के लिए मांगे थे 20 हजार

बीते 29 फरवरी को शिक्षक भर्ती को लेकर प्रदर्शन करने वाले छात्र नेताओं का परीक्षा पास कराने की डील का वाट्सएप ऑडियो वायरल हुआ था. ऑडियो में बीटीसी छात्र नेता इंग्लिश और मैथ्स विषय में अभ्यर्थियों को पास कराने के प्रति छात्र 20 हजार रुपये मांग रहे थे. जिसमें बीटीसी छात्र नेता अभ्यर्थियों को परीक्षा नियामक प्रधिकारी, प्रयागराज (PNP) के अधिकारियों से साठ-गांठ कर BTC के अंतिम सेमेस्टर में पास कराने की पूरी गारंटी दे रहे थे. आरोप है कि इससे पहले भी PNP प्रयागराज के अधिकारियों और कर्मचारियों ने 68500 शिक्षक भर्ती में अंकों को लेकर गोलमाल किया था. जिसमें PNP सचिव सुत्ता सिंह को पद से हटा दिया गया था.

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अपर मुख्य सचिव पहले ही एसटीएफ से जांच कराने को तैयार थीं

पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने मामले पर जांच बैठा दी थी. उन्होंने वॉयस सैंपल जांच के लिए राजकीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला, महानगर, लखनऊ भिजवा दिए थे. लेकिन कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण फरेंसिक रिपोर्ट नहीं मिल पाई और आगे की कार्यवाही फिलहाल रूकी हुई है.

अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के मुताबिक फरेंसिक रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराने को लेकर हमने राजकीय विधि विग्यान प्रयोगशाला, महानगर के निदेशक को पत्र लिख दिया है. इसके अलावा एसटीएफ से भी पूरे प्रकरण की जांच की सिफारिश की गई है. जिससे जांच जल्दी हो और दोषियों के खिलाफ समय रहते कार्यवाही की जा सके.