डिजिटल तरीके से हाजिरी और मॉनिटरिंग से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में एक शिक्षिका के प्रमाणपत्र पर पांच जगह शिक्षिकाएं नौकरी करती पकड़ी गईं हैं। इन शिक्षिकाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। मामले में अधिकारियों की संलिप्तता की जांच भी की जाएगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डा. सतीश द्विवेदी ने कहा है कि मेरे संज्ञान में यह तथ्य आया है कि केजीबीवी में कई जगहों पर एक ही प्रमाणपत्र पर कई जगहों पर शिक्षक तैनात हैं। इनकी तुरंत जांच की जाए। बागपत में एक शिक्षिका अनामिका शुक्ला लंबे समय से अनुपस्थित चल रही थीं। जांच जारी थी कि सामने आया कि इन्हीं के प्रमाणपत्रों पर अलीगढ़, अमेठी, सहारनपुर और अम्बेडकर नगर में शिक्षिकाएं नौकरी कर रही है।
डा. द्विवेदी ने बताया कि अलीगढ़ में 93,530, अमेठी में 68,200, सहारनपुर में 1,16,300 और अम्बेडकरनगर में 2,31,331 रुपये यानी लगभग पांच लाख की धनराशि वेतन के रूप में निकाली गई है। इसकी गहनता से जांच की जा रही है कि पूरा मामला क्या है और कौन लोग दोषी हैं?
हालांकि सोशल मीडिया पर इस शिक्षिका के 25 जिलों से वेतन निकालने और लगभग एक करोड़ रुपये की चपत विभाग को लगाने की खबरें चलने के बाद विभाग ने अपने स्तर से इसकी जांच की तो अभी तक पांच जिलों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। विज्ञान की अध्यापिका मूल रूप से बागपत में तैनात हैं। मामला संज्ञान में तब आया जब विभाग ने शिक्षकों का डाटाबेस प्रेरणा पेार्टल और मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट करना शुरू किया।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डा. सतीश द्विवेदी ने कहा है कि मेरे संज्ञान में यह तथ्य आया है कि केजीबीवी में कई जगहों पर एक ही प्रमाणपत्र पर कई जगहों पर शिक्षक तैनात हैं। इनकी तुरंत जांच की जाए। बागपत में एक शिक्षिका अनामिका शुक्ला लंबे समय से अनुपस्थित चल रही थीं। जांच जारी थी कि सामने आया कि इन्हीं के प्रमाणपत्रों पर अलीगढ़, अमेठी, सहारनपुर और अम्बेडकर नगर में शिक्षिकाएं नौकरी कर रही है।
डा. द्विवेदी ने बताया कि अलीगढ़ में 93,530, अमेठी में 68,200, सहारनपुर में 1,16,300 और अम्बेडकरनगर में 2,31,331 रुपये यानी लगभग पांच लाख की धनराशि वेतन के रूप में निकाली गई है। इसकी गहनता से जांच की जा रही है कि पूरा मामला क्या है और कौन लोग दोषी हैं?
हालांकि सोशल मीडिया पर इस शिक्षिका के 25 जिलों से वेतन निकालने और लगभग एक करोड़ रुपये की चपत विभाग को लगाने की खबरें चलने के बाद विभाग ने अपने स्तर से इसकी जांच की तो अभी तक पांच जिलों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। विज्ञान की अध्यापिका मूल रूप से बागपत में तैनात हैं। मामला संज्ञान में तब आया जब विभाग ने शिक्षकों का डाटाबेस प्रेरणा पेार्टल और मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट करना शुरू किया।