फर्जी शिक्षकों की भर्ती का शोर अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग तक ही सीमित है जबकि राजकीय इंटर और सहायता प्राप्त कॉलेजों में भी बहुत बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई हैं। एलटी ग्रेड में 2014 में हुई 6645 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया इसी फर्जीवाड़े के चलते ही पूरी नहीं हो पाई थी।
हालांकि यहां जांच के आदेश हो चुके हैं लेकिन अभी इसमें तेजी नहीं आई है। सभी मंडलीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सहायताप्राप्त स्कूलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्र वे अपने पास रख लें। अभी ये प्रमाणपत्र स्कूल प्रबंधन के पास हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद सत्यापन की कार्रवाई शुरू होगी। वहीं राजकीय इंटर कॉलेजों के विवरण मानव संपदा पोर्टल पर मौजूद हैं। वहां से भी सत्यापन किया जा रहा है। हालांकि माध्यमिक शिक्षा में फर्जी प्रमाणपत्रों का शोर पहले से ही है लेकिन इसके लिए कोई पुख्ता प्रयास नहीं किए गए। 2014 में 6645 पदों पदों के लिए 27 लाख से ज्यादा आवेदन आए थे क्योंकि उस समय मंडलवार आवेदन लिए जाते थे लेकिन भर्ती के बाद जैसे ही सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई उसमें फर्जी प्रमाणपत्र सामने आने लगे। ज्यादातर मंडलों में 60 से 65 फीसदी चयनितों के प्रमाणपत्र फर्जी निकले थे। इस भर्ती में 2 हजार के आासपास पद ही भर पाएं लेकिन 2016 में इस पर रोक लगा दी गई। इसके बाद ही एलटी ग्रेड भर्ती को लोक सेवा आयोग को देने का फैसला लिया गया।
हालांकि यहां जांच के आदेश हो चुके हैं लेकिन अभी इसमें तेजी नहीं आई है। सभी मंडलीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सहायताप्राप्त स्कूलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्र वे अपने पास रख लें। अभी ये प्रमाणपत्र स्कूल प्रबंधन के पास हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद सत्यापन की कार्रवाई शुरू होगी। वहीं राजकीय इंटर कॉलेजों के विवरण मानव संपदा पोर्टल पर मौजूद हैं। वहां से भी सत्यापन किया जा रहा है। हालांकि माध्यमिक शिक्षा में फर्जी प्रमाणपत्रों का शोर पहले से ही है लेकिन इसके लिए कोई पुख्ता प्रयास नहीं किए गए। 2014 में 6645 पदों पदों के लिए 27 लाख से ज्यादा आवेदन आए थे क्योंकि उस समय मंडलवार आवेदन लिए जाते थे लेकिन भर्ती के बाद जैसे ही सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई उसमें फर्जी प्रमाणपत्र सामने आने लगे। ज्यादातर मंडलों में 60 से 65 फीसदी चयनितों के प्रमाणपत्र फर्जी निकले थे। इस भर्ती में 2 हजार के आासपास पद ही भर पाएं लेकिन 2016 में इस पर रोक लगा दी गई। इसके बाद ही एलटी ग्रेड भर्ती को लोक सेवा आयोग को देने का फैसला लिया गया।