प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में जिला आवंटन प्रकरण की सुनवाई गुरुवार को होगी। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने मेरिटोरियस यानी मेरिट में आने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का ही जिला आवंटन उनके वर्ग की मेरिट की अनुसार करने का निर्णय दिया था। इस आदेश के विरुद्ध विशेष अपील दाखिल की गई है। जिसमें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी भी मेरिट के
अनुसार जिला आवंटन की मांग कर रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के कक्ष नंबर 22 में न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता व न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की पीठ में अमित शेखर भारद्वाज की ओर से दायर स्पेशल अपील जिला आवंटन केस की सुनवाई करेंगे। पीठ ने इस केस को एडिशनल कॉज लिस्ट में दूसरे नंबर पर रखा है। यह जानकारी 68500 भर्ती की द्वितीय सूची में बदायूं जिले के लिए चयनित अनुराग गुप्ता ने दी है। उन्होंने बताया कि द्वितीय सूची में चयनित 6127 शिक्षकों के जिला आवंटन का बचाव एकल पीठ ने किया है और अब दो जजों की पीठ में भी 6127 शिक्षकों का फिर से जिला आवंटन को बचाने के लिए हमारी तैयारी पूरी है। ज्ञात हो कि एकल पीठ ने 68500 शिक्षक भर्ती का जिला आवंटन रद करके नए सिरे से आवंटन करने का आदेश दिया है। उसमें दूसरी सूची में कम मेरिट वालों को अपने जिले में तैनाती मिली है, जबकि पहली सूची में चयनित अभ्यर्थियों को प्रदेश के सुदूर जिलों में नौकरी करनी पड़ रही है। इसी को लेकर विवाद कायम है।
अनुसार जिला आवंटन की मांग कर रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के कक्ष नंबर 22 में न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता व न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की पीठ में अमित शेखर भारद्वाज की ओर से दायर स्पेशल अपील जिला आवंटन केस की सुनवाई करेंगे। पीठ ने इस केस को एडिशनल कॉज लिस्ट में दूसरे नंबर पर रखा है। यह जानकारी 68500 भर्ती की द्वितीय सूची में बदायूं जिले के लिए चयनित अनुराग गुप्ता ने दी है। उन्होंने बताया कि द्वितीय सूची में चयनित 6127 शिक्षकों के जिला आवंटन का बचाव एकल पीठ ने किया है और अब दो जजों की पीठ में भी 6127 शिक्षकों का फिर से जिला आवंटन को बचाने के लिए हमारी तैयारी पूरी है। ज्ञात हो कि एकल पीठ ने 68500 शिक्षक भर्ती का जिला आवंटन रद करके नए सिरे से आवंटन करने का आदेश दिया है। उसमें दूसरी सूची में कम मेरिट वालों को अपने जिले में तैनाती मिली है, जबकि पहली सूची में चयनित अभ्यर्थियों को प्रदेश के सुदूर जिलों में नौकरी करनी पड़ रही है। इसी को लेकर विवाद कायम है।