नई शिक्षा नीति 2020 से दोबारा विश्वगुरु बनेगा भारत: राज्यपाल

 ईश्वर शरण पीजी कॉलेज का स्वर्ण जयंती समारोह मंगलवार को नवनिर्मित गोल्डेन जुबिली सभागार में आयोजित हुआ। समारोह में प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल भी ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुईं।

राज्यपाल ने कॉलेज की प्रशंसा करते हुए विश्वविद्यालय बनने की कामना की। कहा कि प्राचीनकाल में भारत विश्वगुरु था। तक्षशिला, नालन्दा विश्वविद्यालय आदि इसके प्रसिद्ध केन्द्र थे। जिसका सम्पूर्ण पाठ्यक्रम लचीला था, परन्तु अंग्रेजों ने भारतीय शिक्षा पद्धति को पूर्णतया पलटते हुए क्लर्क बनाने वाली शिक्षा पद्धति निर्मित की।


राज्यपाल ने कहा कि देश की स्वाधीनता के पश्चात जो शिक्षा नीति लागू हुई उसमें मातृभाषाओं की उपेक्षा थी और यह 10 प्लस 2 पद्धति पर आधारित थी। परन्तु नई शिक्षा नीति मातृभाषाओं में शिक्षा को केन्द्र में स्थापित करते हुए 5-3-3-4 पद्धति पर आधारित है, जिसमें प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति के अनुसार विषयगत लचीलापन है और यह ज्ञान के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित है। नई शिक्षा नीति समाज के वंचित वर्गों को केन्द्र में रखती हुई संविधान निर्माताओं के समावेशी शिक्षा के लक्ष्य को परिपूर्ण करने का प्रयास है, जो भारत को पुनः शिक्षा के क्षेत्र में विश्वगुरु पद पर स्थापित करने में सक्षम है।


राज्यपाल ने महाविद्यालय के नवनिर्मित प्रो. प्रमिला श्रीवास्तव परिसर का उद्घाटन किया एवं उनकी प्रतिमा का अनावरण, महाविद्यालय के लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम- ‘अविरल का उद्घाटन और स्वर्ण जयंती स्मारिका का विमोचन भी किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरआर तिवारी ने कहा कि कोविड-19 के इस मुश्किल वक्त में विश्वविद्यालय सहित सभी महाविद्यालयों ने ऑनलाइन माध्यमों से शिक्षा कार्य की निरंतरता बनाए रखी, जो सराहनीय है।

कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आनंद शंकर सिंह ने बताया कि वर्तमान में संस्थान में 36 विषयों, 5 संकायों सहित भारत सरकार द्वारा प्राप्त ‘संकाय विकास केन्द्र भी स्थापित है। ईश्वर शरण संस्थान बापू महात्मा गांधी की माटी पर स्थापित है, जिससे भूदान आंदोलन के प्रणेता आचार्य विनोबा भावे, भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और सुप्रसिद्ध गांधीवादी निर्मला देशपांडे जैसी विभूतियां जुड़ी रहीं। अध्यक्षता महाविद्यालय शासी निकाय के अध्यक्ष आरके श्रीवास्तव ने की।