आंगनबाड़ी से पुष्टाहार की जगह दिया जाने वाला सूखा राशन अब दिवाली से पहले दिया जाएगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद बाल विकास व पुष्टाहार विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। अभी तक 25 नवम्बर से इसकी शुरुआत होनी थी। पहली बार विभाग टेक होम राशन के रूप में सूखा अनाज, सूखा दूध व घी देने जा रहा है। प्रदेश में 1.64 करोड़ लाभार्थियों को इसका लाभ मिलेगा।
सूखा दूध व घी के पाउच प्रदेश कोऑपरेटिव डेयरी फाउंडेशन और गेहूं व चावल खाद्य निगम से और दाल बाजार से खरीदी जाएगी। दाल के लिए 60 रुपये प्रति किलो दाम तय किया गया है। 10 फीसदी ज्यादा या कम कीमतों पर भी दाल खरीदी जा सकती है। लाभार्थियों को दिए जाने वाले खाद्यान्न व की मात्रा व कलर कोड भी तय कर दिया गया है।
सूखा दूध घी त्रैमासिक आधार पर और राशन हर महीने दिया जाएगा। स्वयं सहायता समूहों इन सामानों की पैकिंग करेंगी और आंगनबाड़ी में पहुंच कर इसका वितरण भी करेंगी। पहली बार
प्लास्टिक के डिब्बों में राशन दिया जाएगा वहीं अगली बार लाभार्थियों को केन्द्र पर यह डिव्बा या अन्य डिब्बे में राशन लेना होगा।
छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों के लिए आसमानी रंग, तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए हल्का हरा, छह माह से छह वर्ष तक के अत्यंत कुपोषित बच्चों के लिए लाल, गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए पीला और किशोरियों के लिए गुलाबी रंग तय किया गया है। गेहूं, चावल व दाल इन्हीं कंटेनरों में दी जाएगी। प्रति लाभार्थी तीन-तीन कंटेनर दिए जाएंगे।
राज्य सरकार ने पूंजीरी सिण्डीकेट का खात्मा करते हुए स्वयं सहायता समूहों के मार्फत पुष्टाहार देने का निर्णय लिया है। इसके लिए अवस्थापना सुविधाओं को जुटाने में दो वर्ष कासमय लगेगा। इस दौरान लाभार्थियों को सूखा राशन व घी-दूध दिया जाएगा।