बेसिक शिक्षा परिषद ने प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल के अध्यापकों का सत्र के बीच में स्थानांतरण करने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। परिषद ने इसके लिए अध्यापकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण पर दिव्या
गोस्वामी केस के आदेश में संशोधन की अर्जी दाखिल की है। हाईकोर्ट ने अंतरजनपदीय तबादलों के संबंध में यह भी कहा था कि नियमानुसार बीच सत्र में अध्यापकों के तबादले न किए जाएं।दिव्या गोस्वामी के केस में अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से दाखिल अर्जी की प्रति उन्हें प्राप्त हुई है। बेसिक शिक्षा परिषद का कहना है कि इस वर्ष कोराना के कारण विद्यालयों में विद्यार्थी नहीं आ रहे हैं और पढ़ाई भी नहीं हो रही है इसलिए बीच सत्र में स्थानांतरण करने से छात्रों की पढ़ाई में बाधा नहीं आएगी। इसी आधार पर इस वर्ष सत्र के बीच में स्थानांतरण करने की अनुमति मांगी गई है।
गौरतलब है कि बेसिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण को लेकर प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2019 में शासनादेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि जो शिक्षक एक बार अंतरजनपदीय स्थानांतरण ले चुके हैं, वे दोबारा स्थानांतरण की मांग नहीं कर सकते हैं। दिव्या गोस्वामी सहित अन्य दर्जनों शिक्षकों ने याचिकाओं में इस शासनादेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने शासनादेश में सिर्फ अध्यापिकाओं को रियायत देते हुए कहा कि यदि अध्यापिका ने विवाह पूर्व अंतर जनपदीय स्थानांतरण लिया है और उसके बाद उनका विवाह हुआ है तो वह अंतरजनपदीय स्थानांतरण की मांग दोबारा कर सकती है। इसके अलावा चिकित्सकीय आधार पर भी दोबारा स्थानांतरण की मांग की जा सकती है। इस आदेश में कोर्ट ने कहा था कि नियमानुसार बीच सत्र में अध्यापकों के स्थानांतरण न किए जाएं।