नो क्लास-नो फीस को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने महराजगंज के बीएसए को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। उनसे 2 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है। बीएसए ने
हाईकोर्ट के नोटिस का संज्ञान लेते हुए नौतनवा क्षेत्र के नौ निजी स्कूल संचालकों से स्पष्टीकरण मांगा है। इससे नौतनवा क्षेत्र के निजी स्कूल संचालकों में हड़कंप मच गया है।अभिभावक संघ नौतनवा के अध्यक्ष वसीम खान ने 16 अक्तूबर को उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर लॉकडाउन के दौरान कस्बे में संचालित निजी विद्यालयों द्वारा स्कूल बंद होने के बावजूद मनमाने तरीके से फीस वसूलने का शिकायत की थी।वसीम समेत 12 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की बेंच ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए निर्देश जारी किया कि याचिकाकर्ता द्वारा पार्टी बनाए गए 9 विद्यालय की फीस वसूलने की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान बंद विद्यालय किसी भी तरह का शुल्क नहीं वसूल सकते हैं। उच्च न्यायालय ने 2 दिसंबर तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब-तलब किया है।
बीएसए ने नौ स्कूलों से मांगा स्पष्टीकरण
उच्च न्यायालय के नोटिस का अनुपालन कराते हुए बीएसए ने 24 नवंबर 2020 को नौतनवा कस्बे के सभी नौ स्कूलों को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है। बीएसए ओम प्रकाश यादव ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर नौ स्कूलों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष जवाब प्रस्तुत किया जाएगा। यदि स्कूलों ने मनमानी से फीस वसूली की होगी तो कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी।