प्रयागराज। पहली से आठवीं कक्षा के बीच पढ़ाई छोड़ने वाले (ड्रापआउट ) अथवा पहली कक्षा में प्रवेश लेकर आगे की पढ़ाई नहीं करने वाले बच्चों को उनकी आयु के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। परिषदीय
विद्यालयों के ड्रापआउट बच्चों को पढ़ाई की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के निर्देश पर आंग्लभाषा शिक्षण संस्थान, राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान, राज्य शिक्षा संस्थान एवं हिंदी संस्थान वाराणसी को ब्रिज कोर्स तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। आंग्ल भाषा शिक्षा संस्थान में मंगलवार से पाठ्क्रम तैयार करने का काम शुरू हो गया।विषयवार अलग-अलग संस्थानों को सौंपी जिम्मेदारी: आग्ल भाषा शिक्षा संस्थान को अंग्रेजी का पाठ्यक्रम, राज्य शिक्षा संस्थान को सामाजिक विषय, राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान को विज्ञान एवं गणित तथा हिंदी संस्थान वाराणसी को हिंदी के पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। आंग्ला भाषा शिक्षा संस्थान के प्राचार्य डॉ. स्कंद शुक्ल ने बताया कि एससीईआरटी के निदेशक डॉ. सर्वेद्र विक्रम सिंह ने पहली से आठवीं कक्षा तक ड्राप आउट बच्चों के लिए पहले छह महीने का कोर्स तैयार करने की जिम्मेदारी अलग-अलग संस्थानों को दी है।
बच्चों की आयु के अनुसार कोर्स में मिलेगा प्रवेश
डॉ स्कन्द शुक्ल ने बताया कि पहले ब्रिज कोर्स छह महीने के लिए होता था, अब नौ महीने का कर दिया गया है। ड्राप आउट उन बच्चों को कहा जाता है जो शुरू में ही पढ़ाई करने al नहीं जाते अथवा वह बच्चे जो पढ़ाई करने के दौरान बीच में स्कूल छोड़ दिए। इन बच्चों को आयु के अनुसार पाठ्क्रम तैयार किया जा रहा है। इस पाठ्यक्रम के जरिए बच्चों को उनकी आयु के अनुसार पाठ्यक्रम की जानकारी देकर उन्हें आयु वर्ग के अनुसार पहली से आठवीं कक्षा में जिसके योग्य होंगे प्रवेश दिया जाएगा।