लखनऊ:- आगामी शिक्षक भर्ती का विज्ञापन अभी तक जारी नही हो सका है प्रदेश के सभी प्रशिक्षु उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द नई शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी होगा लेकिन सरकार की मंशा है कि इस भर्ती से
चुनावी राजनीति करना है इसलिए वो आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले परीक्षा कराने की तैयारी कर रही है।टेट का विज्ञापन जारी करवाने को लेकर प्रशिक्षु लखनऊ एवं प्रयागराज में पीएनपी एवं एससीआरटी पर जाकर अधिकारियों को ज्ञापन एवं प्रत्यावेदन देने का कार्य कर रह हैं।सभी प्रशिक्षु संगठित होकर एक प्रादेशिक मुहिम चलवा रहे हैं,जिसमें बीटीसी 2015 बैच डीएलएड 2017 एवं 2018 और बीएड,शिक्षामित्र एवं बीएलएड के छात्र नई भर्ती की आस में जिले में ज्ञापन भी दे रहे हैं।प्रशिक्षुओं ने ट्विटर पर भारत स्तर पर ट्रेंड करवा कर सरकार से मांग कर रहें हैं कि भर्ती का विज्ञापन जल्द जारी हो।युवा बेरोजगार मंच के संस्थापक बंटी पाण्डेय ने बताया कि नई शिक्षक भर्ती की मांग करनें में अभिषेक पाठक राजवसु यादव, अमित कुमार, विपुल मिश्र, शिवम द्विवेदी, नेहा तिवारी, भानू शुक्ल, शिवांशु मिश्र, नेहा निर्मल,विवेक विद्रोही,नरोत्तम समेत हजारो प्रशिक्षुओं ने नई शिक्षक भर्ती एवम यूपीटीईटी का विज्ञापन जल्द जारी करने की मांग कर रहे हैं।भर्ती के मांग के बीच एक नया मुद्दा NIOS को प्राथमिक विद्यालयों में शामिल करके एक चैलेंज खड़ा कर दिया।आज के समय में उत्तर प्रदेश में 5 लाख प्रशिक्षु केवल डीएलएड के है और भारत सरकार ने 28/6/2018 भारत का राजपत्र जारी करके बीएड को प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश दे दिया जिनकी संख्या लगभग 8 लाख उत्तर प्रदेश में है।ये संख्या लगातार बढती जा रही है। जो प्रशिक्षुओ के अन्दर भय का माहौल बना दिया है। उनके भविष्य का क्या होगा।कुछ प्रशिक्षु अवसाद ग्रस्त हो चुके हैं एवं परिवार से प्रताड़ित हो रहे हैं भविष्य अंधकारमय होता प्रतीत होता है।उत्तर प्रदेश में डेमोसाइल निति न लागू होने से दूसरे प्रदेश के प्रशिक्षु भी उत्तर प्रदेश में पलायन करेंगे तो प्रदेश के युवा कहां जायेंगे।बंटी पाण्डेय ने कहा कि मैं प्रदेश सरकार से यह मांग करता हूँ कि उत्तर प्रदेश में सबसे पहले डेमोसाइल निति लागू की जाय।टेट का विज्ञापन अति शीघ्र घोषित हो एवं शिक्षक भर्ती का कैलेंडर जल्द जारी हो। बंटी पाण्डेय ने अपने ऑफिसियल एकाउंट @buntypandey99 से ट्वीट करते हुए लिखा कि,मुख्यमंत्री @myogiadityanath जी आप हमेशा योग्यता की बात करते हैं NIOS केवल प्राइवेट विद्यालय मे शिक्षण कार्य करने हेतु था जिसका उद्देश्य प्राइवेट विद्यालय के बच्चों को प्रशिक्षित शिक्षक प्रदान करना था।इसलिए निवेदन है NIOS को प्राइवेट तक ही रखें चुनाव की गंदी राजनीति न करें इससे लाखों प्रशिक्षुओं के साथ अन्याय होगा। NCTE के गाइड लाइन में 18 माह के कोर्स को कभी वरीयता नहीं दिया गया इसीलिए बीएड को 1 वर्ष से बढाकर 2 वर्ष किया गया है। RTE एक्ट में 24 माह कोर्स को ही मान्यता है,लेकिन मात्र सरकार युवाओं को लडाने के लिए NIOS को शामिल किया गया है।सभी प्रतियोगी छात्र NIOS को टेट में न शामिल हो इसकी मांग कर रहे हैं।