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शिक्षकों की तबादला सूची जारी न होने से उठे सवाल, सूची सार्वजनिक नहीं होगी तो कैसी पारदर्शिता?

 सरकारी प्राइमरी स्कूलों के 21,695 शिक्षकों के तबादले तो दो दिन पहले घोषित कर दिए लेकिन उनकी सूची न जारी करके बेसिक शिक्षा परिषद की कार्यप्रणाली संदेह के घेरेमें हैं। शिक्षकों के आरोप हैं कि कम भारांक वाले

शिक्षकों के तबादले किए गए। सूची के द्वारा सभी शिक्षकों को पता चल जाता है कि किस जिले से कितने शिक्षकों का तबादला हुआ। शिक्षकों का कहना है कि यदि परिषद शिक्षकों के नाम, जिला व भारांक की सूची जारी कर देगी तब माना जाएगा कि अंतरजनपदीय तबादलों में कोई गड़बड़ी न करते हुए पारदर्शिता बरती गई है। इससे पहले शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले जून 2018 में हुए थे। उस समय भी सूची जारी नहीं की गई थी


विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी के मुताबिक 2016 तक तबादला सूची जारी होती रही है लेकिन इसके बाद यह सिलसिला बंद हो गया। इस बार तो जिलेवारकट ऑफ भी जारी नहीं हुआ है। सूची सार्वजनिक नहीं होगी तो कैसी पारदर्शिता?

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