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Government is considering giving exemption to withdraw the entire amount from pension fund
सेवानिवृत्त व्यक्तियों को सरकार जल्द बड़ी राहत देने पर विचार कर रही है। इसके तहत पेंशन फंड नियामक व विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) पंेशनभोगियों को अपने पेंशन फंड में से अधिकतम पांच लाख रुपये तक निकालने की सुविधा दे सकता है। वर्तमान में यह अधिकतम दो लाख रुपये है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी के नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) फंड में पांच लाख रुपये तक हैं तो वह अपनी पूरी रकम निकाल सकेगा। वर्तमान नियम यह है कि पेंशन फंड में से अधिकतम 60 फीसद राशि ही निकाली जा सकती है जो दो लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकती है। शेष 40 फीसद राशि एनपीएस में ही रखनी पड़ती है जिसे सरकार अपने हिसाब से निवेश करती है और खाताधारक को पेंशन देती है।
सूत्रों का कहना है कि बदलते वक्त में सरकार एनपीएस धारकों को पारिवारिक जरूरतें पूरी करने में मदद करना चाहती है। इसके साथ ही सरकार चाहती है कि अगर एनपीएस धारक को लगता है कि वह उस रकम को किसी और जगह लगाकर बेहतर रिटर्न हासिल कर सकता है तो यह फैसला उसी के ऊपर छोड़ दिया जाए। फिर, सूत्रों के मुताबिक अगर पेंशन फंड में पूरे पांच लाख रुपये हैं तब भी उससे मिलने वाला मासिक पेंशन इतना कम होगा कि वह पेंशनभोगी की मासिक जरूरतों को पूरा करने में कतई सक्षम नहीं हो सकता है। ऐसे में बेहतर यही है कि उसे पूरी रकम निकाल लेने और किसी ऐसी जगह निवेश करने की आजादी दे दी जाए जहां से उसे एनपीएस के मुकाबले अच्छा रिटर्न मिल सकता है। हालांकि पीएफआरडीए नई योजना में भी एनपीएस फंड का एक हिस्सा अपने पास रख सरकारी निवेश उपकरणों में निवेश के माध्यम से 5.5} तक रिटर्न देने का पक्षधर है। इस वक्त तो महंगाई दर व पेंशन फंड से हासिल कमाई पर आयकर को जोड़ दें तो यह फंड नकारात्मक रिटर्न ही दे रहा है। इसलिए भी सरकार यह फैसला पेंशनधारक पर छोड़ने के पक्ष में है कि वह रकम निकाल ले या रहने दे।
जिसके पेंशन फंड में पांच लाख रुपये से कम हैं उसे पूरी रकम निकालने की छूट देने की तैयारी, अभी अधिकतम सीमा दो लाख ही