नवनियुक्त शिक्षकों से शपथपत्र लेकर दिया जाएगा वेतन, शपथपत्र का प्रारूप भी तय

 लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 शिक्षकों की भर्ती के तहत नवनियुक्त शिक्षकों से शपथपत्र लेकर उन्हें वेतन का भुगतान किया जाएगा। शपथपत्र में शिक्षकों को यह बताना होगा कि आनलाइन आवेदन के

समय उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए स्नातक व प्रशिक्षण संबंधी सभी शैक्षिक अभिलेख सही हैं। कोई भी अंकपत्र और प्रमाणपत्र कूटरचित और फर्जी नहीं है। आवेदन पत्र में उनकी ओर से भरी गई सभी सूचनाएं सत्य और संलग्न किए गए सभी अभिलेख वैध हैं। सत्यापन के बाद यदि उनका कोई अभिलेख फर्जी पाया गया तो उनकी नियुक्ति स्वत: निरस्त समझी जाएगी। गलत अभिलेखों के आधार पर चयन प्राप्त करने के लिए वह खुद जिम्मेदार होंगे।





बेसिक शिक्षा विभाग ने बुधवार को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। शपथपत्र का प्रारूप भी तय कर दिया है। 69000 शिक्षकों की भर्ती के तहत चयनित लगभग 64000 सहायक अध्यापकों को पिछले वर्ष अक्टूबर और दिसंबर में दो चरणों में नियुक्ति पत्र दिए गए थे। बड़ी संख्या में नवनियुक्त शिक्षकों को शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन न हो पाने की वजह से उन्हें वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा था। आगरा के भीमराव अंबेडकर विवि के बीएड सत्र 2004-05 की फर्जी डिग्रियों के आधार पर बड़ी संख्या में शिक्षकों की अवैध नियुक्तियों का मामला उजागर होने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भी स्नातक के अभिलेखों के सत्यापन के बिना शिक्षकों को वेतन का भुगतान करने में हिचक रहे थे। कोरोना के कारण विवि भी बंद हैं। इसलिए अभिलेखों के सत्यापन में विलंब हो रहा था।