अंतर्जनपदीय तबादले में खत्म किया में जाए आकांक्षी जनपद का 'भेदभाव'
सोनभद्र। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात शिक्षकों को अंतर्जनपदीय तबादले की सौगात दी थी लेकिन उसमें कम ही शिक्षकों का तबादला हो सका था। सरकार ने आश्वासन दिया था कि विधानसभा चुनाव के पूर्व एक बार फिर शिक्षकों को अंतर्जनपदीय तबादला का तोहफा दिया जाएगा। इससे शिक्षकों में खुशी की लहर थी लेकिन अब जबकि चुनाव करीब आ रहा है और सरकार की ओर से इस बाबत किसी तरह की कोई चर्चा नहीं है तो इसको लेकर शिक्षक शिक्षिकाएं खासे परेशान है।
शिक्षकों का कहना है कि यदि सरकार ने अंतर्जनपदीय तबादला नहीं
किया तो इसका खामियाजा खामियाजा आगामी विस चुनाव में भुगतना होगा। इस बाबत शिक्षिका रंजना सिंह का कहना है कि सरकार को अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में आकांक्षी जनपदों के साथ हुए भेदभाव को समाप्त कर अंतर्जनपदीय स्थानांतरण करना चाहिए। शिक्षिका जेबा अफरोज का कहना है कि आकांक्षी जनपदों से शिक्षकों के स्थानांतरण कभी नहीं होंगे, ऐसा अगर हम लोगों के बैच की ज्वाइनिंग के समय ही बताया गया होता या 68 हजार वालों की तरह शपथ पत्र लिया गया होता स्थानांतरण न चाहने के लिए तो ज्वाइनिंग के पहले इस बारे में विचार करके ही यहां ज्वाइन करते। मधु मिश्रा और निशा मालवीया ने कहा कि सरकार को महिलाओं की समस्या को संज्ञान में लेना चाहिए और अंतर्जनपदीय तबादला करना चाहिए। सुनीता सिंह और डॉली राजपूत ने कहा कि अति पिछड़े जिले के प्रतिबंध को समाप्त कर तबादला किया जाए। बबिता सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व सरकार शिक्षकों का अंतर्जनपदीय तबादला करे।