लखनऊ : बीते दिनों प्रदेश में हुए अंतरजनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में नाम आने के बाद भी विभाग द्वारा कार्यमुक्त किए जाने की प्रक्रिया पर रोक लगाए जाने से नाराज होकर 69 हजार शिक्षक भर्ती की महिला अभ्यर्थियों ने सोमवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव किया. इस दौरान महिला शिक्षकों ने अपने साथ न्याय करने व
स्थानांतरण के बाद भी रिलीव न किए जाने का विरोध किया. प्रदर्शन कर रहीं महिला शिक्षकों का कहना था कि उन्हें स्थानांतरण पॉलिसी के तहत अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में शामिल कराया गया, फिर उसके बाद उन्हें स्थानांतरित करने के आदेश जारी हुए. पर स्थानांतरण के आदेश जारी होने के 2 दिन बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित होने के कारण उनके रिलीविंग आदेश को रोक दिया था. ज्ञात हो कि बेसिक शिक्षा विभाग ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत प्रदेश में 16641 शिक्षकों का स्थानांतरण किया था.महिला शिक्षकों का कहना था कि न्यायालय में मामला कई साल से लटका हुआ है. ऐसे में इस आधार पर तबादले का लाभ न देने और कार्यमुक्त न किए जाने का निर्णय ठीक नहीं है. विभाग के इस निर्णय से न केवल वह बल्कि उनके परिवार के लोग भी काफी परेशान हैं. प्रदर्शन कर रहीं महिला शिक्षकों का कहना था कि विभाग उनका जल्द से जल्द कार्यमुक्त करने व स्थानांतरित जिले में कार्य ग्रहण कराने का आदेश जारी करे. प्रदर्शन करने आई महिलाओं के साथ उनके परिवार के लोगों वक्त छोटे बच्चे भी शामिल थे. बड़ी संख्या में निदेशालय पहुंचीं शिक्षिकाओं ने जमकर नारेबाजी की. शिक्षिकाओं की भारी संख्या को देखते हुए मौके पर पुलिस फोर्स भी पहुंच गई.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 69000 शिक्षक भर्ती में जिला आवंटन की प्रक्रिया में कई गलतियां हो गई थीं. हाई मेरिट वालों को प्रदेश में दूरदराज का जिला आवंटन हुआ था. वहीं उनसे कम मेरिट वाले शिक्षकों को उनका गृह जिला या पसंदीदा जिला में तैनाती मिल गई थी. इसी विसंगतियों को लेकर कुछ शिक्षक हाईकोर्ट चले गए थे. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए यात्रियों को उनके मांग वाले जिले में भेजने के निर्देश दिए थे. इसके बाद कुछ और शिक्षको ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी. जिसके कारण नई सूची जारी करने के कारण उस पर रोक लगा दी गई है.