परीक्षा में मूल्यांकन पर असमंजस
इलाहाबाद । दसवीं, बारहवीं की परीक्षा में नकल रोकने में फेल यूपी बोर्ड मूल्यांकन को लेकर कोई फैसला नहीं कर पा रहा है। मूल्यांकन कब से होना है, इसके बारे में अब तक बैठक भी नहीं हुई। ऐसे में बोर्ड की ओर से पहली अप्रैल से प्रस्तावित नए शैक्षिक सत्र के समय से शुरू होने पर संदेह गहराने लगा है।
बोर्ड की ओर से मूल्यांकन को लेकर रणनीति तय नहीं करने से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परिणाम भी प्रभावित हो सकते हैं। बोर्ड की लेटलतीफी का आलम यह है कि अभी तक निरस्त परीक्षाओं के बारे में भी कोई फैसला नहीं हुआ है। नकल के आरोप में पकड़े गए केन्द्र व्यवस्थापकों के खिलाफ अभी तक प्राथमिकी तक दर्ज नहीं कराई जा सकी है।
यूपी बोर्ड को ओर से परीक्षा तैयारी को लेकर शुरू हुई देरी का क्रम बोर्ड परीक्षा आधे से अधिक बीत जाने के बाद भी पटरी पर नहीं आ सकी है। परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण, पंजीकरण, प्रैक्टिकल परीक्षा में देरी करने वाले यूपी बोर्ड की ओर से अभी तक उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर कोई तिथि घोषित नहीं की गई है। बोर्ड के अधिकारियों की माने तो मूल्यांकन तिथि तय करने के लिए फाइल शासन के पास भेज दी गई है। वहीं से तिथि तय करने के लिए बैठक बुलाई जाएगी।
स्कूलोें में नए शैक्षिक सत्र के समय से शुरू होने पर उठा सवाल
नहीं हुई कार्रवाई
यूपी बोर्ड परीक्षा में सचल दस्ते की ओर से नकल के आरोप में पकड़े गए केन्द्र व्यवस्थापकों, कक्ष निरीक्षकों सहित परीक्षार्थियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कार्रवाई नहीं होते देख इन केन्द्र व्यवस्थापकों का हौसला बुलंद है, उनको परीक्षा ड्यूटी से भले ही हटा दिया गया हो परंतु उनकी जगह नियुक्त दूसरे केन्द्र व्यवस्थापक और कक्ष निरीक्षक नकल को आगे बढ़ा रहे हैं। कार्रवाई की सिफारिश करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि इससे नकल माफिया का हौसला बढ़ा है।
परीक्षक करेंगे मूल्यांकन का बहिष्कार
इलाहाबाद (ब्यूरो)। यूपी बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों की कमी से जूझ रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी परीक्षा के बाद मूल्यांकन को लेकर जद्दोजहद करेंगे। 2014 बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन का पारिश्रमिक नहीं मिलने के कारण शिक्षकों ने 2015 बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन से हटने का फैसला किया है। शिक्षकों का कहना है कि बोर्ड की ओर से मूल्यांकन में सीबीएसई से तुलना की जा रही है, गलती मिलने पर सजा और ओएमआर सहित कई अतिरिक्त जानकारी मूल्यांकन के दौरान उनकी परेशानी बढ़ी है। बोर्ड की ओर से बड़ी संख्या में विद्यालयों में अभी तक मूल्यांकन पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया गया है।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
इलाहाबाद । दसवीं, बारहवीं की परीक्षा में नकल रोकने में फेल यूपी बोर्ड मूल्यांकन को लेकर कोई फैसला नहीं कर पा रहा है। मूल्यांकन कब से होना है, इसके बारे में अब तक बैठक भी नहीं हुई। ऐसे में बोर्ड की ओर से पहली अप्रैल से प्रस्तावित नए शैक्षिक सत्र के समय से शुरू होने पर संदेह गहराने लगा है।
बोर्ड की ओर से मूल्यांकन को लेकर रणनीति तय नहीं करने से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परिणाम भी प्रभावित हो सकते हैं। बोर्ड की लेटलतीफी का आलम यह है कि अभी तक निरस्त परीक्षाओं के बारे में भी कोई फैसला नहीं हुआ है। नकल के आरोप में पकड़े गए केन्द्र व्यवस्थापकों के खिलाफ अभी तक प्राथमिकी तक दर्ज नहीं कराई जा सकी है।
यूपी बोर्ड को ओर से परीक्षा तैयारी को लेकर शुरू हुई देरी का क्रम बोर्ड परीक्षा आधे से अधिक बीत जाने के बाद भी पटरी पर नहीं आ सकी है। परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण, पंजीकरण, प्रैक्टिकल परीक्षा में देरी करने वाले यूपी बोर्ड की ओर से अभी तक उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर कोई तिथि घोषित नहीं की गई है। बोर्ड के अधिकारियों की माने तो मूल्यांकन तिथि तय करने के लिए फाइल शासन के पास भेज दी गई है। वहीं से तिथि तय करने के लिए बैठक बुलाई जाएगी।
स्कूलोें में नए शैक्षिक सत्र के समय से शुरू होने पर उठा सवाल
नहीं हुई कार्रवाई
यूपी बोर्ड परीक्षा में सचल दस्ते की ओर से नकल के आरोप में पकड़े गए केन्द्र व्यवस्थापकों, कक्ष निरीक्षकों सहित परीक्षार्थियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कार्रवाई नहीं होते देख इन केन्द्र व्यवस्थापकों का हौसला बुलंद है, उनको परीक्षा ड्यूटी से भले ही हटा दिया गया हो परंतु उनकी जगह नियुक्त दूसरे केन्द्र व्यवस्थापक और कक्ष निरीक्षक नकल को आगे बढ़ा रहे हैं। कार्रवाई की सिफारिश करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि इससे नकल माफिया का हौसला बढ़ा है।
परीक्षक करेंगे मूल्यांकन का बहिष्कार
इलाहाबाद (ब्यूरो)। यूपी बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों की कमी से जूझ रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी परीक्षा के बाद मूल्यांकन को लेकर जद्दोजहद करेंगे। 2014 बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन का पारिश्रमिक नहीं मिलने के कारण शिक्षकों ने 2015 बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन से हटने का फैसला किया है। शिक्षकों का कहना है कि बोर्ड की ओर से मूल्यांकन में सीबीएसई से तुलना की जा रही है, गलती मिलने पर सजा और ओएमआर सहित कई अतिरिक्त जानकारी मूल्यांकन के दौरान उनकी परेशानी बढ़ी है। बोर्ड की ओर से बड़ी संख्या में विद्यालयों में अभी तक मूल्यांकन पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया गया है।
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