दो साल के बीएड को तैयार नहीं कॉलेज
कानपुर, जागरण संवाददाता : इस साल से होने वाली दो वर्ष की बीएड शिक्षा देने के लिए कॉलेज तैयार नहीं हैं। इसकी वजह बीएड की पढ़ाई का समय बढ़ाने के साथ ही कोर्स में बड़ा बदलाव किया गया है। बदले कोर्स को पढ़ाने के लिए शिक्षक कहां से आएंगे, इसका जवाब एनसीटीई से लेकर विश्वविद्यालयोंके पास भी नहीं है।
इस वर्ष से बीएड की पढ़ाई चार सेमेस्टर में बांट दी गई है।
अब छात्रों को डिग्री लेने के लिए चार परीक्षाएं पास करनी होंगी। एनसीटीई ने इन सभी सेमेस्टर में पढ़ाए जाने वाले कोर्स के अंक भी निर्धारित कर दिए हैं। सवाल यह उठता है कि इस कोर्स को कवर किस तरह से किया जाएगा। ऐसे में 2015-16 से शुरू होने वाले नए सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्रों का कोर्स किस तरह पूरा होगा।
कोर्स में शामिल होंगे यह बिंदु
-असाइनमेंट में छात्रों को फील्ड वर्क करना होगा
-फील्डवर्क का अनुभव जोड़ने के साथ एक सेमेस्टर में इंटर्नशिप को भी शामिल किया गया है
-कंप्यूटर शिक्षा पर विशेष फोकस किया गया है
-नाटक भी होगा पाठ्यक्रम का हिस्सा
------------------------ सेमेस्टर प्रणाली लागू होने से पढ़ाने का तरीका बदल जाएगा। शिक्षकों को यह प्रणाली समझाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराने को लेकर प्रतिनिधिमंडल एनसीटीई से मिलेगा।
विनय त्रिवेदी, अध्यक्ष स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संघ
शिक्षकों के प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाए जाने की योजना बनाई जा रही है। सत्र शुरू होने से पहले शिक्षकों को प्रशिक्षण दिए जाने के कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे।
प्रो. जेवी वैशम्पायन, कुलपति सीएसजेएमयू
---------------------
बीएड कॉलेज एक नजर में :
कालेज-1250
सीटें-1.40 लाख
सीएसजेएमयू से संबद्ध कालेज-190
सीटें-20 हजार
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
कानपुर, जागरण संवाददाता : इस साल से होने वाली दो वर्ष की बीएड शिक्षा देने के लिए कॉलेज तैयार नहीं हैं। इसकी वजह बीएड की पढ़ाई का समय बढ़ाने के साथ ही कोर्स में बड़ा बदलाव किया गया है। बदले कोर्स को पढ़ाने के लिए शिक्षक कहां से आएंगे, इसका जवाब एनसीटीई से लेकर विश्वविद्यालयोंके पास भी नहीं है।
इस वर्ष से बीएड की पढ़ाई चार सेमेस्टर में बांट दी गई है।
अब छात्रों को डिग्री लेने के लिए चार परीक्षाएं पास करनी होंगी। एनसीटीई ने इन सभी सेमेस्टर में पढ़ाए जाने वाले कोर्स के अंक भी निर्धारित कर दिए हैं। सवाल यह उठता है कि इस कोर्स को कवर किस तरह से किया जाएगा। ऐसे में 2015-16 से शुरू होने वाले नए सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्रों का कोर्स किस तरह पूरा होगा।
कोर्स में शामिल होंगे यह बिंदु
-असाइनमेंट में छात्रों को फील्ड वर्क करना होगा
-फील्डवर्क का अनुभव जोड़ने के साथ एक सेमेस्टर में इंटर्नशिप को भी शामिल किया गया है
-कंप्यूटर शिक्षा पर विशेष फोकस किया गया है
-नाटक भी होगा पाठ्यक्रम का हिस्सा
------------------------ सेमेस्टर प्रणाली लागू होने से पढ़ाने का तरीका बदल जाएगा। शिक्षकों को यह प्रणाली समझाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराने को लेकर प्रतिनिधिमंडल एनसीटीई से मिलेगा।
विनय त्रिवेदी, अध्यक्ष स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संघ
शिक्षकों के प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाए जाने की योजना बनाई जा रही है। सत्र शुरू होने से पहले शिक्षकों को प्रशिक्षण दिए जाने के कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे।
प्रो. जेवी वैशम्पायन, कुलपति सीएसजेएमयू
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बीएड कॉलेज एक नजर में :
कालेज-1250
सीटें-1.40 लाख
सीएसजेएमयू से संबद्ध कालेज-190
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