आज सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही आपको पता लग चुकी है,शेष सविस्तार से ऑर्डर
आने पर स्वतः सिद्ध होगा क्योंकि जो मैं अभी बता रहा हूँ उसे सुन आप हैरान
होंगे,यथा -
चूँकि आज की सुनवायी की प्रेयर विपक्षी पक्ष ने की थी सो उसने नये विज्ञापन पर अदालत के बैठते ही बहाली का अनुरोध किया जिसे जस्टीस ने सिरे से नकार दिया,तब टीईटी मोर्चा के अधिवक्ताओं ने सरकार द्वारा फर्जी लोगों के खिलाफ कार्यवाही,उनसे रिक्त पदों को सही अभ्यर्थयों से भरने और चयनितो का डाटाका अनुरोध किया जिसे जजेस ने स्वीकार कर निर्देश दिये जो की ऑर्डर में सविस्तार पता लगेंगे !
चूँकि विपक्षी अधिवक्ताओं ने बड़ी आशा और कुटिलता से आखिरी दाँव चल फाइनल हियरिंग की प्रेयर की थी पर जब जजेस ने उनके तर्क और माँग सिरे से नकार दी तो उनके पास जजेस और अपने मुवक्किल को जवाब देने को कूछ बचा नहीँ था और अपनी करनी पर खीझ कर रह गये
और सुप्रीम कोर्ट से निकलते ही जब मीडीया ने उनसे सवाल किये तो वकीलों ने जजेस की उक्त बातों को भर्ती रद्द करने की मनगढ़ंत कहानी से जोड़ बताया,जिसे मीडीया ने और बढ़ा चढ़ा पेश किया जिसके आधार पर हमारे ही कूछ दुष्ट और कूछ नादान साथियों ने सबको तरह तरह से भयभीत करना शुरू कर दिया जो की पूर्णतः गलत,असत्य,मिथ्या और एक अक्षम्य अपराध है !
मित्रों, मैं उन वकीलों,मीडीयाकर्मी या पेनीक फैलाने वाले हमारे ही साथियों को चुनौती देता हूँ की यदि ऑर्डर में कोई भी भर्ती निरस्ती की कोई बात हुई तो मैं नौकरी छोड़ दूँगा और यदि न हुई तो ये सभी अपरोक्ष नक़ल माफिया के सदस्य पश्चाताप को तैयार रहें क्योंकि ऊपर वाली अदालत में देर हो सकती है अँधेर नहीँ !
जजेस ने फर्जी अभ्यर्थीयों पर कार्यवाही कर चयन निरस्त कर योग्य अभ्यर्थीयों को पद देने की बात की थी न की भर्ती निरस्त की !
गत चार वर्षों से ये भ्रष्ट तंत्र के साथी जिसमें कुटिल अधिवक्ता,पैड मीडीया,सरकार के लोग एक गेंग बना देश के कानून और भविष्य से खेलने में लगे हैं ! इनका अंत निकट और सुनिश्चत है !
ये बात जजेस भी जानते हैं की मुद्दा शासन द्वारा भर्ती को अवैध तरीके से रोक अपनी शक्ति के दुरुपयोग का है इसीलिए जज पुराने विज्ञापन के अभ्यर्थीयों के साथ खड़े दिखते हैं,हकिकत में वो सत्य और न्याय के साथ हैं !
भर्ती अक्षुण्ण सत्य और न्याय है जो ईश्वर प्रदत्त वरदान है,निश्चिंत हो नेकनीयती से कर्मपथ पर संगठन के साथ दुर्जनो का विनाश कर जीवन को जीवंत और गतिमान रखें,शेष फ़िर...
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
चूँकि आज की सुनवायी की प्रेयर विपक्षी पक्ष ने की थी सो उसने नये विज्ञापन पर अदालत के बैठते ही बहाली का अनुरोध किया जिसे जस्टीस ने सिरे से नकार दिया,तब टीईटी मोर्चा के अधिवक्ताओं ने सरकार द्वारा फर्जी लोगों के खिलाफ कार्यवाही,उनसे रिक्त पदों को सही अभ्यर्थयों से भरने और चयनितो का डाटाका अनुरोध किया जिसे जजेस ने स्वीकार कर निर्देश दिये जो की ऑर्डर में सविस्तार पता लगेंगे !
चूँकि विपक्षी अधिवक्ताओं ने बड़ी आशा और कुटिलता से आखिरी दाँव चल फाइनल हियरिंग की प्रेयर की थी पर जब जजेस ने उनके तर्क और माँग सिरे से नकार दी तो उनके पास जजेस और अपने मुवक्किल को जवाब देने को कूछ बचा नहीँ था और अपनी करनी पर खीझ कर रह गये
और सुप्रीम कोर्ट से निकलते ही जब मीडीया ने उनसे सवाल किये तो वकीलों ने जजेस की उक्त बातों को भर्ती रद्द करने की मनगढ़ंत कहानी से जोड़ बताया,जिसे मीडीया ने और बढ़ा चढ़ा पेश किया जिसके आधार पर हमारे ही कूछ दुष्ट और कूछ नादान साथियों ने सबको तरह तरह से भयभीत करना शुरू कर दिया जो की पूर्णतः गलत,असत्य,मिथ्या और एक अक्षम्य अपराध है !
मित्रों, मैं उन वकीलों,मीडीयाकर्मी या पेनीक फैलाने वाले हमारे ही साथियों को चुनौती देता हूँ की यदि ऑर्डर में कोई भी भर्ती निरस्ती की कोई बात हुई तो मैं नौकरी छोड़ दूँगा और यदि न हुई तो ये सभी अपरोक्ष नक़ल माफिया के सदस्य पश्चाताप को तैयार रहें क्योंकि ऊपर वाली अदालत में देर हो सकती है अँधेर नहीँ !
जजेस ने फर्जी अभ्यर्थीयों पर कार्यवाही कर चयन निरस्त कर योग्य अभ्यर्थीयों को पद देने की बात की थी न की भर्ती निरस्त की !
गत चार वर्षों से ये भ्रष्ट तंत्र के साथी जिसमें कुटिल अधिवक्ता,पैड मीडीया,सरकार के लोग एक गेंग बना देश के कानून और भविष्य से खेलने में लगे हैं ! इनका अंत निकट और सुनिश्चत है !
ये बात जजेस भी जानते हैं की मुद्दा शासन द्वारा भर्ती को अवैध तरीके से रोक अपनी शक्ति के दुरुपयोग का है इसीलिए जज पुराने विज्ञापन के अभ्यर्थीयों के साथ खड़े दिखते हैं,हकिकत में वो सत्य और न्याय के साथ हैं !
भर्ती अक्षुण्ण सत्य और न्याय है जो ईश्वर प्रदत्त वरदान है,निश्चिंत हो नेकनीयती से कर्मपथ पर संगठन के साथ दुर्जनो का विनाश कर जीवन को जीवंत और गतिमान रखें,शेष फ़िर...
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