माध्यमिक शिक्षा परिषद से संचालित विद्यालयों का शैक्षिक सत्र फिलहाल बदलने
के आसार नहीं हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कुछ दिन पूर्व यूपी बोर्ड की
प्रायोगिक परीक्षा की तारीखें घोषित हुई हैं व बोर्ड परीक्षा की
तैयारियां भी उसी दिशा में चल रही हैं।
माना जा रहा है कि बोर्ड परीक्षा भी पिछले साल की तरह ही फरवरी में होगी। यह जरूर है कि परिषद में शैक्षिक सत्र को लेकर ऊहापोह का माहौल बना है और क्षेत्रीय कार्यालयों से जानकारी भी ली जा रही है।
यूपी बोर्ड में शैक्षिक सत्र का समय एवं पाठ्यक्रम में बदलाव करना मानो बाएं हाथ का खेल हो गया है। तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री के निर्देश पर पिछले साल ही शैक्षिक सत्र जुलाई के बजाय अप्रैल से किया गया और सीबीएसई की नकल करते हुए कक्षा 11 एवं 12 का पाठ्यक्रम अलग-अलग किया गया है। कक्षा 9 एवं 10 में यह व्यवस्था पहले से लागू है। पाठ्यक्रम में बदलाव का प्रयास कुछ साल पहले भी हुआ था, लेकिन वह अंजाम तक नहीं पहुंच सका। अभी जल्द ही विभागीय मंत्री बदले हैं और परिषद में बड़े बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं। इसमें सबसे पहले शैक्षिक सत्र को लेकर पेशकश हुई है। सत्र पहले की तरह अप्रैल की बजाए जुलाई से शुरू करने की मांग जोर पकड़ रही है। इस पर परिषद से लेकर आला अफसर तक मंथन भी कर रहे हैं, लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। 12016 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षाओं के एलान के पहले परिषद कार्यालय में इस पर खासा चिंतन हुआ। अफसर इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि निर्देश का इंतजार किया जाए या फिर तारीखों का एलान कर दें। आखिर में यह तय हुआ कि प्रायोगिक परीक्षाएं पहले भी (जब मार्च में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होती थी) दिसंबर में ही कराई जाती थी, ऐसे में यदि सत्र बदलने का आदेश होगा तो परीक्षाओं की तारीखें फरवरी से बढ़ाकर मार्च में कर ली जाएंगी, लेकिन उसके इंतजार में अन्य कार्य न रोके जाएं। इसीलिए कुछ दिन पूर्व प्रायोगिक परीक्षा की तारीखें घोषित हुई हैं। साथ ही आला अफसरों ने परिषद को संकेत दिया है कि 2016 से शैक्षिक सत्र में बदलाव करने के आसार नहीं है।
इसीलिए बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में विभाग तेजी से जुट गया है और परीक्षा केंद्रों की सूची जिलों से मांगी जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि परिषद जुलाई-अगस्त में अगले शैक्षिक सत्र के लिए तैयारी करता है उस सत्र में एकाएक बदलाव नहीं किया जाता। इसी पर अडिग रहने के आसार हैं। उधर, माध्यमिक शिक्षा परिषद के अपर सचिव राजेंद्र कुमार ने कहा कि बोर्ड परीक्षा और सत्र बदलाव के संबंध में अभी कोई निर्देश नहीं है। इसलिए तय कार्यक्रम के अनुरूप परीक्षा की तैयारियां चल रही हैं।
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तैयारियां भी उसी दिशा में चल रही हैं।
माना जा रहा है कि बोर्ड परीक्षा भी पिछले साल की तरह ही फरवरी में होगी। यह जरूर है कि परिषद में शैक्षिक सत्र को लेकर ऊहापोह का माहौल बना है और क्षेत्रीय कार्यालयों से जानकारी भी ली जा रही है।
यूपी बोर्ड में शैक्षिक सत्र का समय एवं पाठ्यक्रम में बदलाव करना मानो बाएं हाथ का खेल हो गया है। तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री के निर्देश पर पिछले साल ही शैक्षिक सत्र जुलाई के बजाय अप्रैल से किया गया और सीबीएसई की नकल करते हुए कक्षा 11 एवं 12 का पाठ्यक्रम अलग-अलग किया गया है। कक्षा 9 एवं 10 में यह व्यवस्था पहले से लागू है। पाठ्यक्रम में बदलाव का प्रयास कुछ साल पहले भी हुआ था, लेकिन वह अंजाम तक नहीं पहुंच सका। अभी जल्द ही विभागीय मंत्री बदले हैं और परिषद में बड़े बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं। इसमें सबसे पहले शैक्षिक सत्र को लेकर पेशकश हुई है। सत्र पहले की तरह अप्रैल की बजाए जुलाई से शुरू करने की मांग जोर पकड़ रही है। इस पर परिषद से लेकर आला अफसर तक मंथन भी कर रहे हैं, लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। 12016 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षाओं के एलान के पहले परिषद कार्यालय में इस पर खासा चिंतन हुआ। अफसर इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि निर्देश का इंतजार किया जाए या फिर तारीखों का एलान कर दें। आखिर में यह तय हुआ कि प्रायोगिक परीक्षाएं पहले भी (जब मार्च में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होती थी) दिसंबर में ही कराई जाती थी, ऐसे में यदि सत्र बदलने का आदेश होगा तो परीक्षाओं की तारीखें फरवरी से बढ़ाकर मार्च में कर ली जाएंगी, लेकिन उसके इंतजार में अन्य कार्य न रोके जाएं। इसीलिए कुछ दिन पूर्व प्रायोगिक परीक्षा की तारीखें घोषित हुई हैं। साथ ही आला अफसरों ने परिषद को संकेत दिया है कि 2016 से शैक्षिक सत्र में बदलाव करने के आसार नहीं है।
इसीलिए बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में विभाग तेजी से जुट गया है और परीक्षा केंद्रों की सूची जिलों से मांगी जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि परिषद जुलाई-अगस्त में अगले शैक्षिक सत्र के लिए तैयारी करता है उस सत्र में एकाएक बदलाव नहीं किया जाता। इसी पर अडिग रहने के आसार हैं। उधर, माध्यमिक शिक्षा परिषद के अपर सचिव राजेंद्र कुमार ने कहा कि बोर्ड परीक्षा और सत्र बदलाव के संबंध में अभी कोई निर्देश नहीं है। इसलिए तय कार्यक्रम के अनुरूप परीक्षा की तैयारियां चल रही हैं।
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