आगरा। राजकीय स्कूलाें में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए मेरिट लिस्ट
में शामिल कई अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र संदेह के घेरे में है। तमाम लोग
ऐसे हैं जिन्होंने हाईस्कूल-इंटरमीडिएट की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में
उत्तीर्ण की है, जबकि स्नातक और बीएड का प्राप्तांक 84 से 86 फीसदी तक है।
मंडलीय उप शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय के करीब दो दर्जन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र जांच के लिए छांटे गए थे। पिछले हफ्ते शासन स्तर से निर्देश प्राप्त हुआ है कि नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले मेरिट लिस्ट में शामिल सभी अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच करा ली जाए। अब जांच कराई जाएगी। जिसकी रिपोर्ट सही पाई जाएगी, उसी को ही नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा। इससे पहले यह नियम नहीं था। तब नियुक्ति देने के बाद जांच कराई जाती थी। पहली काउंसलिंग के बाद (मई-जून में) ही लखनऊ विश्वविद्यालय के ही करीब 50 अभ्यर्थियों की मार्कशीट जांच के लिए भेजी गई थी। अभी तक जांच रिपोर्ट वहां से भेजी नहीं गई है, उसमें से कई शिक्षक राजकीय स्कूलों में पढ़ा भी रहे हैं।
मंडलीय उप शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय के करीब दो दर्जन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र जांच के लिए छांटे गए थे। पिछले हफ्ते शासन स्तर से निर्देश प्राप्त हुआ है कि नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले मेरिट लिस्ट में शामिल सभी अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच करा ली जाए। अब जांच कराई जाएगी। जिसकी रिपोर्ट सही पाई जाएगी, उसी को ही नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा। इससे पहले यह नियम नहीं था। तब नियुक्ति देने के बाद जांच कराई जाती थी। पहली काउंसलिंग के बाद (मई-जून में) ही लखनऊ विश्वविद्यालय के ही करीब 50 अभ्यर्थियों की मार्कशीट जांच के लिए भेजी गई थी। अभी तक जांच रिपोर्ट वहां से भेजी नहीं गई है, उसमें से कई शिक्षक राजकीय स्कूलों में पढ़ा भी रहे हैं।
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