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वाइटनर प्रयोग पर बाहर हो गए लोगों में जगी नौकरी की उम्मीद : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : परीक्षा में वाइटनर प्रयोग करने के कारण नौकरी पाने से वंचित हो गए उत्तर प्रदेश के सब इंस्पेक्टरों और सिपाहियों में दोबारा नौकरी पाने की उम्मीद जगी है। सुप्रीमकोर्ट ने चयन सूची में स्थान पाने वाले ऐसे उम्मीदवारों को नौकरी में समायोजित किये जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।

मंगलवार को कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह इस पहलू पर विचार करके 12 जनवरी तक अपना नजरिया कोर्ट को बताए। कोर्ट ये आदेश 2011 की सब इंस्पेक्टर और सिपाही सीधी भर्ती मामले में सुनवाई करते हुए दिये।

सुप्रीमकोर्ट के इस आदेश से करीब दस हजार लोगों में फिर से नौकरी पाने की उम्मीद जगी है। परीक्षा की ओआरएम शीट में वाइटनर और ब्लेड प्रयोग करने के कारण 810 सब इंस्पेक्टर और करीब पौने आठ हजार सिपाही चयन सूची में स्थान पाने के बावजूद नौकरी पाने से वंचित हो गए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गत जुलाई में परीक्षा में वाइटनर और ब्लेड प्रयोग करने वाले इन अभ्यर्थियों का चयन रद कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश से नौकरी पाने से रह गए सब इंस्पेक्टरों और सिपाहियों ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल की है और हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।

मंगलवार को मामले पर लंबी सुनवाई चली। याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने हाईकोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि परीक्षा में वाइटनर का प्रयोग करने की मनाही जरूर थी लेकिन ये नहीं लिखा था कि अगर ऐसा हुआ तो क्या होगा। उनकी दलील थी कि अगर उन प्रश्नों को निकाल भी दिया जाए जिनमें वाइटनर और ब्लेड का प्रयोग किया गया है फिर भी उनके मुवक्किलों के अंक कटआफ अंक से ज्यादा है और वे चयन सूची में शामिल हैं। हालांकि मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति वी. गोपाला गौड़ा और न्यायमूर्ति एसए बोबडे की पीठ इन दलीलों से बहुत सहमत नहीं दिखी। पीठ ने कहा कि नियमों में वाइटनर का प्रयोग करने के लिए मना था ऐसे मे उनका कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता ना ही कोर्ट इस बावत कोई ला लेडडाउन करने वाला है। हालांकि कोर्ट मामले की विशिष्ट परिस्थितियों को देखते हुए याचिकाकर्ताओं के प्रति कुछ संवेदनशील दिखी। पीठ ने प्रदेश सरकार की पैरवी कर रहे एडवोकेट जनरल विजय बहादुर सिंह व रवि प्रकाश मेहरोत्र से कहा कि जिन लोगों ने कटआफ अंक से ज्यादा अंक प्राप्त किये हैं और चयन सूची में स्थान पाने के बावजूद वाइटनर प्रयोग करने के कारण बाहर हो गए हैं उन्हे नौकरी में समायोजित करने पर विचार किया जाय। सरकार राजनैतिक और कानूनी तौर पर वन टाइम मेजर के रूप में कोई रास्ता निकाले। इससे पहले एडवोकेट जनरल विजय बहादुर ने कोर्ट को बताया कि चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वाइटनर के कारण बाहर हुए सब इंस्पेक्टर अभ्यर्थी तो चयन सूची में शामिल भी कर लिये गए थे। सिपाहियों की चयन सूची तैयार नही हो पाई थी। सिंह ने कहा कि सरकार इनके बारे मे सकारात्मक सोच रखती है। अभी भी बहुत सी रिक्तियां है इन्हें समायोजित किया जाएगा। राज्य सरकार का नजरिया सुनने के बाद पीठ ने कहा कि राज्य सरकार इन्हें समायोजित करने के बारे में विचार करके 12 जनवरी तक कोर्ट को सूचित करे।

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