बहराइच। जिले में अभी भी 850 शिक्षामित्र समायोजन से वंचित हैं। पद रिक्त न
होने के चलते उनके समायोजन में अड़चन बताई जा रही हैं। इन सभी को नौ महीने
से वेतन भी नहीं मिला है, जबकि जबकि विभाग को बजट मिल चुका है। जिले के 2244 प्राथमिक विद्यालयों में 3600 शिक्षामित्रों की तैनाती बीते
वर्षों में हुई थी।
इनमें से 3383 शिक्षामित्र बचे थे। शेष नौकरी मिलने या अन्य कारणों से शिक्षामित्र की नौकरी छोड़कर चले गए थे। इन शिक्षामित्रों को प्रदेश सरकार ने समायोजन करने की हरी झंडी दी थी, जिसके तहत सहायक अध्यापक के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू की। प्रथम चरण में 983 व द्वितीय चरण में 1550 शिक्षामित्रों के समायोजन की कवायद हुई लेकिन कानूनी अड़चनों व प्रशिक्षण पूरा न होने के चलते 850 शिक्षामित्र समायोजन से वंचित रह गए हैं।
यह सभी अभी भी शिक्षामित्र के पद पर ही प्राथमिक विद्यालयों में पठन पाठन का कार्य कर रहे हैं। लेकिन समायोजन की प्रक्रिया और मामला न्यायालय में पहुंचने के बाद मई से इन शिक्षामित्रों के मानदेय पर भी ग्रहण लग गया था। अब तक मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है न ही सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन किया गया है। इसके चलते शिक्षामित्र दोहरी मार झेल रहे हैं।
सप्ताह भर पूर्व शासन ने शिक्षामित्रों के बकाया मानदेय को देने के लिए बजट भेज दिया है। इसके बावजूद शिक्षामित्रों के खाते में अभी वेतन की राशि नहीं पहुंच सकी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अमरकांत सिंह की मानें तो रिक्त पद न होने के चलते शेष 850 शिक्षामित्रों का समायोजन नहीं हो पा रहा है। शासन के आदेश और संस्तुति के बाद उनके समायोजन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बीएसए ने कहा कि बजट मिल गया है। सभी को मानदेय देने की प्रक्रिया जारी है।
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इनमें से 3383 शिक्षामित्र बचे थे। शेष नौकरी मिलने या अन्य कारणों से शिक्षामित्र की नौकरी छोड़कर चले गए थे। इन शिक्षामित्रों को प्रदेश सरकार ने समायोजन करने की हरी झंडी दी थी, जिसके तहत सहायक अध्यापक के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू की। प्रथम चरण में 983 व द्वितीय चरण में 1550 शिक्षामित्रों के समायोजन की कवायद हुई लेकिन कानूनी अड़चनों व प्रशिक्षण पूरा न होने के चलते 850 शिक्षामित्र समायोजन से वंचित रह गए हैं।
यह सभी अभी भी शिक्षामित्र के पद पर ही प्राथमिक विद्यालयों में पठन पाठन का कार्य कर रहे हैं। लेकिन समायोजन की प्रक्रिया और मामला न्यायालय में पहुंचने के बाद मई से इन शिक्षामित्रों के मानदेय पर भी ग्रहण लग गया था। अब तक मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है न ही सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन किया गया है। इसके चलते शिक्षामित्र दोहरी मार झेल रहे हैं।
सप्ताह भर पूर्व शासन ने शिक्षामित्रों के बकाया मानदेय को देने के लिए बजट भेज दिया है। इसके बावजूद शिक्षामित्रों के खाते में अभी वेतन की राशि नहीं पहुंच सकी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अमरकांत सिंह की मानें तो रिक्त पद न होने के चलते शेष 850 शिक्षामित्रों का समायोजन नहीं हो पा रहा है। शासन के आदेश और संस्तुति के बाद उनके समायोजन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बीएसए ने कहा कि बजट मिल गया है। सभी को मानदेय देने की प्रक्रिया जारी है।
आठ ब्लॉकों में भेज दिया है मानदेय
सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक प्रदीप पांडेय ने बताया कि शिक्षामित्रों के मानदेय भेजने की कवायद जारी है। आठ ब्लॉकों के शिक्षामित्रों का मानदेय भेज दिया गया है। जरवल, कैसरगंज, पयागपुर, विशेश्वरगंज और मिहींपुरवा ब्लॉक के शिक्षामित्रों के खाते में भी तीन दिन में मानदेय भेजने की कवायद की जा रही है।आठ फरवरी को करेंगे घेराव
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय प्रवक्ता शिवश्याम मिश्र ने बताया कि बीएसए और जिला समन्वयक से वार्ता हुई है। तीन दिन में दोनों अधिकारियों ने मानदेय भेजने की बात कही है। अगर मानदेय शिक्षामित्रों के खाते में न पहुंचा तो आठ फरवरी को बीएसए कार्यालय पर घेराव प्रदर्शन किया जाएगा।Sponsored links :
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