शिक्षक भर्ती मामला : फर्जीवाड़े के लिए किया जा रहा है सोशल साइट का प्रयोग : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

जहां एक ओर पूरी दुनिया हाईटेक हो रही है। नई तकनीकों से जुड़ने के लिए सोशल साइट का सहारा लिया जा रहा है। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग में सोशल साइट का दुरूपयोग किया जा रहा है। कुछ कथा कथित नेता प्रशिक्षुओं से अवैध वसूली करने का प्रचार-प्रसार करने के लिए सोशल साइट का प्रयोग कर रहे हैं।
बेसब्र प्रशिक्षु शिक्षकों के सत्यापन के लिए व्हाट्सएप पर धन की मांग की जा रही है। प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक-शिक्षिकाओं की तैनाती की गई है। जिसमें पहले बैच के 942 व दूसरे बैच के 212 प्रशिक्षु शिक्षक-शिक्षिकाओं के शैक्षिक प्रमाण पत्रों को सत्यापन के लिए संबंधित बोर्ड व विश्वविद्यालय में भेजा गया है।
उनके इक्का-दुक्का सत्यापन भी विभाग को प्राप्त हो गए हैं। जिसकी जानकारी लेने के लिए प्रशिक्षु शिक्षक-शिक्षिकाएं बीएसए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। उनके इस बेसब्री का फायदा खुद को उनका हितैषी कहने वाले तथाकथित नेताओं ने उठाना शुरू कर दिया है। कुछ नेताओं ने व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाया है। जिसपर सत्यापन के लिए खुलेआम एक हजार से लेकर दो हजार रुपये की मांग की जा रही है। झांसे में फंसाने के लिए विभाग के सत्यापन भेजने में लेटलतीफी की बात कहते हुए बोर्ड व विश्वविद्यालयों से सीधे पहचान होने की बात कही जा रही है। वह कह रहे हैं कि रुपये दोगे तो एक साथ सत्यापन बोर्ड को भेजा जाएगा और वहां से एक साथ ही सत्यापन वापस आ जाएगा। बीएसए आनंद प्रकाश शर्मा ने बताया कि सत्यापन के लिए किसी को भी कोई धनराशि न दें, अगर दिया गया तो उसकी जिम्मेदारी विभाग की नहीं होगी। सत्यापन समय से ही आएंगे।
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