मैनपुरी: बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती को जिम्मेदार
अधिकारियों ने हद दर्ज की लापरवाही बरती। बगैर सत्यापन कराए ही न केवल
वेतन, बल्कि एरियर भी निकाल दिया। जिन 11 शिक्षकों के शिक्षक पात्रता
परीक्षा के प्रमाण पत्र (टीईटी) फर्जी पाए गए हैं।
उन्हें वेतन और एरियर के नाम पर 32 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। मामला खुलने के बाद विभाग में खलबली मची हुई है। 1जिले में नौ माह पहले 333 शिक्षकों की नियुक्ति करते समय अधिकारियों ने इनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराना जरूरी नहीं समझा।
नियम है कि बगैर प्रमाण पत्रों के सत्यापन के वेतन न जारी किया जाए, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सारे नियम ताख पर रख दिए। सत्यापन कराए बिना ही सभी शिक्षकों को वेतन और एरियर के नाम पर 31.68 लाख रुपये का भुगतान किया गया। लेकिन अब इन शिक्षाकों का मई माह का वेतन रोक दिया गया है। बताते चलें कि फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद एक शिक्षक ने त्याग पत्र दे दिया। मामले में वेतन और एरियर जारी करने वाले अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं। लापरवाही का आलम ये है कि ऑनलाइन अंक तालिकाओं तक का सत्यापन नहीं कराया गया। 1कहीं सेटिंग का खेल तो नहीं1शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मामले में विभागीय कर्मचारियों ने सेटिंग की थी, इसीलिए सत्यापन नहीं कराया गया। जांच में फंसे एक शिक्षक ने मंगलवार को कार्यालय में एक लिपिक से संपर्क कर पूछा कि त्याग पत्र देने से किस तरह इस फर्जीवाड़े से बचा जा सकता हैं।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
उन्हें वेतन और एरियर के नाम पर 32 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। मामला खुलने के बाद विभाग में खलबली मची हुई है। 1जिले में नौ माह पहले 333 शिक्षकों की नियुक्ति करते समय अधिकारियों ने इनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराना जरूरी नहीं समझा।
- ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- बेसिक शिक्षा न्यूज़ में आज की हॉट खबरें
नियम है कि बगैर प्रमाण पत्रों के सत्यापन के वेतन न जारी किया जाए, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सारे नियम ताख पर रख दिए। सत्यापन कराए बिना ही सभी शिक्षकों को वेतन और एरियर के नाम पर 31.68 लाख रुपये का भुगतान किया गया। लेकिन अब इन शिक्षाकों का मई माह का वेतन रोक दिया गया है। बताते चलें कि फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद एक शिक्षक ने त्याग पत्र दे दिया। मामले में वेतन और एरियर जारी करने वाले अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं। लापरवाही का आलम ये है कि ऑनलाइन अंक तालिकाओं तक का सत्यापन नहीं कराया गया। 1कहीं सेटिंग का खेल तो नहीं1शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मामले में विभागीय कर्मचारियों ने सेटिंग की थी, इसीलिए सत्यापन नहीं कराया गया। जांच में फंसे एक शिक्षक ने मंगलवार को कार्यालय में एक लिपिक से संपर्क कर पूछा कि त्याग पत्र देने से किस तरह इस फर्जीवाड़े से बचा जा सकता हैं।
- यूपी सरकार का बड़ा फैसला, मिलेंगी 11,645 नौकरियां , आज हुई कैबिनेट मीटिंग में कई अहम फैसलों पर मुहर
- पोस्टर Viral : सीएम अखिलेश के पीछे पड़ा 'गजराज', जांच में जुटी पुलिस : Click to see Poster
- प्रदेश में शिक्षकों और पुलिस की काफी जगह खाली है। क्या उसे चुनाव के बाद भरा जाएगा? : दैनिक जागरण के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक प्रशांत मिश्र
- शिक्षामित्रों के समायोजन का मुद्दा एक बार फिर गर्माया
- फेसबुक पर वायरल हुआ सीएम अखिलेश का विवादित पोस्टर, मचा हड़कंप
- बिना सत्यापन शिक्षकों को जारी कर दिया वेतन: नियुक्ति में फर्जीवाड़ा, खुलासे के बाद अपनी गर्दन बचाने में जुटे अधिकारी
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines