जागरण संवाददाता, लखनऊ : सर मैं आंगनबाड़ी कार्यकत्री हूं। मेरी ड्यूटी मतदाता सूची के शुद्धीकरण अभियान में लगायी गई है। मेरी तबीयत ठीक नहीं है इसलिए निवेदन है कि मुङो मतदाता सूची से जुड़े कार्यो से मुक्त रखा जाए।
मतदाता सूची के शुद्धीकरण कार्य से नाम कटाने के लिए इस तरह के सैकड़ों आवेदन अब तक कलेक्ट्रेट स्थित निर्वाचन कार्यालय को प्राप्त हो चुके हैं। किसी की तबीयत खराब तो कोई चोट के कारण चलने से मजबूर है।
विधानसभा और लोकसभा की मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बाद सूची का शुद्धीकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा नगर निगम की मतदाता सूची का भी सर्वे शुरू कर दिया गया है। दोनों सूचियों के लिए करीब साढ़े पांच हजार बीएलओ की सेवाएं ली जा रही हैं। सरकारी विभागों के कर्मचारियों को बीएलओ बनते ही बुखार आने लगा है। अधिकांश बीएलओ अपनी ड्यूटी कटाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। सिफारिश से लेकर बहानेबाजी तक सारे दांव चले जा रहे हैं। विधानसभा सूची के सत्यापन के लिए 3137 बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें से सबसे अधिक 1426 शिक्षक, रेवन्यू के 77, इंजीनियरिंग के 101, मेडिकल के 72, आंगनबाड़ी के 187 और शेष अन्य विभागों के बीएलओ लगाए गए हैं। सहायक निर्वाचन अधिकारी अभय कुमार का कहना है कि सभी बीएलओ को साफ निर्देश हैं कि अगर कोई बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के गैरहाजिर रहा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। 1वहीं नगर निगम की आठ जोनों और तीन नगर पंचायतों की मतदाता सूची का भी पुनरीक्षण शुरू कर दिया गया है। नगर निगम में भी बीएलओ को लेकर खींचतान चल रही है। सूची के लिए करीब 2200 की ड्यूटी लगाई गई है। उपजिला निर्वाचन अधिकारी राजेश कुमार पांडेय का कहना है कि आयोग से इस बाबत स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं। उन निर्देशों के अनुपालन में जो बीएलओ आएंगे उनको ही मुक्त किया जाएगा। मतदाता सूची से जुड़े कार्य में अगर किसी तरह की लापरवाही बरती गई तो फिर बख्शा नहीं जाएगा।
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मतदाता सूची के शुद्धीकरण कार्य से नाम कटाने के लिए इस तरह के सैकड़ों आवेदन अब तक कलेक्ट्रेट स्थित निर्वाचन कार्यालय को प्राप्त हो चुके हैं। किसी की तबीयत खराब तो कोई चोट के कारण चलने से मजबूर है।
विधानसभा और लोकसभा की मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बाद सूची का शुद्धीकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा नगर निगम की मतदाता सूची का भी सर्वे शुरू कर दिया गया है। दोनों सूचियों के लिए करीब साढ़े पांच हजार बीएलओ की सेवाएं ली जा रही हैं। सरकारी विभागों के कर्मचारियों को बीएलओ बनते ही बुखार आने लगा है। अधिकांश बीएलओ अपनी ड्यूटी कटाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। सिफारिश से लेकर बहानेबाजी तक सारे दांव चले जा रहे हैं। विधानसभा सूची के सत्यापन के लिए 3137 बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें से सबसे अधिक 1426 शिक्षक, रेवन्यू के 77, इंजीनियरिंग के 101, मेडिकल के 72, आंगनबाड़ी के 187 और शेष अन्य विभागों के बीएलओ लगाए गए हैं। सहायक निर्वाचन अधिकारी अभय कुमार का कहना है कि सभी बीएलओ को साफ निर्देश हैं कि अगर कोई बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के गैरहाजिर रहा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। 1वहीं नगर निगम की आठ जोनों और तीन नगर पंचायतों की मतदाता सूची का भी पुनरीक्षण शुरू कर दिया गया है। नगर निगम में भी बीएलओ को लेकर खींचतान चल रही है। सूची के लिए करीब 2200 की ड्यूटी लगाई गई है। उपजिला निर्वाचन अधिकारी राजेश कुमार पांडेय का कहना है कि आयोग से इस बाबत स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं। उन निर्देशों के अनुपालन में जो बीएलओ आएंगे उनको ही मुक्त किया जाएगा। मतदाता सूची से जुड़े कार्य में अगर किसी तरह की लापरवाही बरती गई तो फिर बख्शा नहीं जाएगा।
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