विसं, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड
इलाहाबाद द्वारा आयोजित टीजीटी संस्कृत के 442 पदों की परीक्षा में सात
सवालों के गलत उत्तर के आधार पर चयन सूची की वैधता के खिलाफ
याचिका पर राज्य सरकार व चयन बोर्ड से जवाब मांगा है।
1यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने नेमचंद्र व अन्य की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता का कहना है कि गलत उत्तर देने वाले चयनित हो गए हैं और सही उत्तर देने वाले चयन सूची से बाहर हैं। मालूम हो कि बोर्ड ने 14 जनवरी 2014 को 442 टीजीटी संस्कृत के पदों की चयन परीक्षा ली। 21 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। बोर्ड द्वारा जारी आंसर की से प्रश्नों के मिलान करने पर सात प्रश्नों के गलत उत्तर विकल्प दिया गया है। रंजीत सिंह केस में हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि प्रश्नोत्तर गलत होने की दशा में विशेषज्ञों की राय लिया जाना जरूरी है। चयन बोर्ड ने तीन बार आंसर की जारी की। सात प्रश्नों के गलत उत्तर पाए गए। याचिका में विशेषज्ञों से उत्तरों की जांच कराई जाने की मांग की गई है। याचिका की सुनवाई छह जुलाई को होगी.
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याचिका पर राज्य सरकार व चयन बोर्ड से जवाब मांगा है।
1यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने नेमचंद्र व अन्य की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता का कहना है कि गलत उत्तर देने वाले चयनित हो गए हैं और सही उत्तर देने वाले चयन सूची से बाहर हैं। मालूम हो कि बोर्ड ने 14 जनवरी 2014 को 442 टीजीटी संस्कृत के पदों की चयन परीक्षा ली। 21 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। बोर्ड द्वारा जारी आंसर की से प्रश्नों के मिलान करने पर सात प्रश्नों के गलत उत्तर विकल्प दिया गया है। रंजीत सिंह केस में हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि प्रश्नोत्तर गलत होने की दशा में विशेषज्ञों की राय लिया जाना जरूरी है। चयन बोर्ड ने तीन बार आंसर की जारी की। सात प्रश्नों के गलत उत्तर पाए गए। याचिका में विशेषज्ञों से उत्तरों की जांच कराई जाने की मांग की गई है। याचिका की सुनवाई छह जुलाई को होगी.
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